लखनऊ. उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के 4 साल पूरे होने पर सरकार की तरफ से किए गए प्रयासों और उपलब्धियों के बारे में लगातार बताने का प्रयास किया जा रहा है. इसी कड़ी में जानकारी मिली है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने साल 2017 से लेकर अब तक उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था लागू करने के लिए ताबड़तोड़ एनकाउंटर में 135 अपराधियों को मार गिराया. एनकाउंटर में उत्तर प्रदेश के ज़्यादातर इनामी बदमाशों को ढेर करने का दावा किया गया है.
यूपी पुलिस ने बीजेपी की सरकार बनने के बाद पहला एनकाउंटर 27 सितंबर 2017 को मंसूर पहलवान (जो कि सहारनपुर का रहने वाला था) का किया था. मंसूर 50 हज़ार रुपये का इनामी बदमाश था. दूसरी तरफ यूपी पुलिस का अभी तक का आखिरी एनकाउंटर इसी साल 2021 में मोती नाम के बदमाश का है. उत्तर प्रदेश के कासगंज में मुठभेड़ में मारे गए मोती पर एक लाख रुपए का इनाम था.
मारे गए ज्यादातर अपराधी इनामी
यूपी पुलिस के एनकाउंटर में कानपुर के विकास दुबे का मुठभेड़ भी शामिल है, जिसके सिर पर 5 लाख रुपए का इनाम यूपी सरकार ने घोषित कर रखा था. इसके अलावा ढाई लाख रुपए के इनामी बदमाश तीन हैं, जिन को मार गिराया गया. दो लाख की पुरस्कार वाले अपराधियों की संख्या दो है. डेढ़ लाख रुपए के इनाम वाले अपराधियों की संख्या तीन है और एक लाख के इनाम वाले अपराधियों की संख्या 18 हैं. 75000 के इनामी अपराधियों की संख्या एक है, वहीं सबसे ज्यादा मुठभेड़ में मारे गए अपराधियों की संख्या उनकी है, जिनके ऊपर 50 हज़ार रुपए का इनाम घोषित था. ऐसे अपराधियों की संख्या 46 है.
51 अपराधी मुस्लिम समुदाय से
सबसे खास बात यह है कि मारे गए 135 खूंखार अपराधियों में से मुस्लिम अपराधियों की संख्या 51 है. यानी कि कुल 135 में से 51 अपराधी ऐसे थे, जो धर्म से मुस्लिम थे. इसको लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीति गर्माई हुई है. एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यूपी सरकार जानबूझकर मुस्लिमों को टारगेट कर रही है और इसी के चलते प्रदेश में बीजेपी सरकार के दौरान हुए एनकाउंटर में 37त्न मरने वाले मुस्लिम समाज से हैं. हालांकि, इसका खंडन करते हुए भारतीय जनता पार्टी की तरफ से बयान दिया गया कि उसकी सरकार सब धर्मों के साथ समान व्यवहार करती है. अपराधियों का कोई धर्म नहीं होता है. किसी को भी जानबूझकर निशाना नहीं बनाया गया है.
पहले दो साल में 100 से ज्यादा एनकाउंटर
पिछले 4 साल में उत्तर प्रदेश सरकार पर बड़ी संख्या में पुलिस एनकाउंटर करने के आरोप भी लगे. शुरुआत के 2 साल में उत्तर प्रदेश पुलिस ने 100 से ज्यादा लोगों को एनकाउंटर में मार गिराया, जिसके बाद विवाद शुरू हुआ तो सरकार की तरफ से सख्त निर्देश दिए गए कि मुठभेड़ों में अपराधियों को जिंदा पकड़े जाने की ज्यादा कोशिश की जाए. इसका नतीजा यह था कि बाकी के 2 साल में यूपी पुलिस ने काफी कम संख्या में एनकाउंटर किए और अपराधियों को पकडऩे में भी कामयाबी हासिल की. हालांकि, यह भी सच है कि इन कुल 135 एनकाउंटर में से 51 मुस्लिम समाज के हैं जो कि एक बड़ी संख्या है. हालांकि, इन सभी मरने वाले अपराधियों का रिकॉर्ड बताता है कि वे न सिर्फ दुर्दांत रहे हैं, बल्कि इनकी करतूतों से समाज में लंबे समय तक डर का वातावरण रहा है. कुल 135 लोगों में से ज़्यादातर अपराधी इनामी बदमाश रहे हैं, जिनमें इनाम की राशि 25000 से लेकर 5 लाख रुपये तक है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-यूपी: कासगंज मामले का मुख्य अभियुक्त पुलिस एनकाउंटर में ढेर, पुलिस कर्मी की हत्या का था आरोपी
यूपी के प्रतापगढ़ मेंं जहरीली शराब पीने से 4 की मौत, आबकारी अधिकारी सहित 7 निलंबित
यूपी में अकेले चुनाव लड़ेगी बसपा, गठबंधन करने पर दूसरी पार्टी को फायदा होता है हमें नहीं: मायावती
दिल्ली-यूपीवासियों को राहत: गाजीपुर बार्डर पर आवागमन के लिये खोला गया गाजियाबाद मार्ग
विजय हजारे ट्रॉफी चैंपियन बना मुंबई, 41.3 ओवर में ही यूपी को दी करारी मात
यूपी : मिर्जापुर में राष्ट्रपति के दौरे से पहले सड़क किनारे खून से लथपथ मिले 3 शव, हत्या की आशंका
Leave a Reply