लखनऊ। देश की अर्थव्यवस्था 2021 के कैलेंडर वर्ष में 12 फीसदी की वृद्धि दर्ज करेगी। मूडीज एनालिटिक्स ने यह अनुमान लगाया है। मूडीज ने कहा कि पिछले साल 7.1 फीसदी की गिरावट के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की निकट भविष्य की संभावनाएं अधिक अनुकूल हो गई हैं। हालिया महीनों में बढ़ा विनिर्माण उत्पादन मूडीज एनालिटिक्स ने शुक्रवार को कहा कि दिसंबर 2020 को समाप्त तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 0.4 फीसदी रही है। यह प्रदर्शन उम्मीद से कहीं बेहतर है। इससे पिछली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 7.5 फीसदी की गिरावट आई थी। मूडीज ने कहा कि अंकुशों में ढील के बाद देश और विदेश की मांग सुधरी है। इससे हालिया महीनों में विनिर्माण उत्पादन बढ़ा है। निजी खपत में होगी बढ़ोत्तरी मूडीज ने कहा कि ‘हमारा अनुमान है कि निजी खपत और गैर निवासी निवेश में अगले कुछ तिमाहियों में बढ़ोत्तरी होगी, जिससे 2021 में घरेलू मांग में सुधार होगा।’ मूडीज का अनुमान है कि 2021 के कैलेंडर साल में जीडीपी की वास्तविक वृद्धि दर 12 फीसदी रहेगी। इसकी एक वजह पिछले साल का निचला आधार प्रभाव भी है। मूडीज ने कहा कि मौद्रिक और राजकोषीय नीतियां वृद्धि के अनुकूल रहेंगी। ‘हमारा मानना है कि इस साल नीतिगत दरों में कोई अतिरिक्त कटौती नहीं होगी और यह चार फीसदी पर ही रहेगी।’ 2021 में नियंत्रित तरीके से बढ़ेगी मुद्रास्फीति मूडीज ने अनुमान जताया कि वित्त वर्ष 2021-22 के बजट से वार्षिक राजकोषीय घाटा जीडीपी के करीब सात फीसदी पर पहुंच जाएगा। मूडीज ने कहा कि मुख्य मुद्रास्फीति 2021 में नियंत्रित तरीके से बढ़ेगी। हालांकि, खाद्य वस्तुओं या ईंधन में महंगाई से परिवारों की खर्च योग्य पर असर पड़ेगा। इसके साथ ही मूडीज ने कहा है कि यदि कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर तेज होती है तो इससे 2021 में सुधार के लिए जोखिम पैदा हो सकता है।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कोरोना वायरस ने किये अर्थव्यवस्था के बुरे हाल, देश में 6.5 प्रतिशत पर पहुंची बेरोजगारी दर
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