मोदी-शाह के लिए केजरीवाल और ममता बनर्जी को सियासी मात देना आसान नहीं!

मोदी-शाह के लिए केजरीवाल और ममता बनर्जी को सियासी मात देना आसान नहीं!

प्रेषित समय :07:32:38 AM / Sun, Mar 21st, 2021

प्रदीप द्विवेदी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सियासी गति पर ब्रेक लगाने में भले ही मोदी-शाह कामयाब रहे हों, लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को सियासी मात देना उनके लिए आसान नहीं रहा है.

राहुल गांधी में सियासी चतुराई का अभाव है, तो लंबे समय से उनकी पाॅलिटिकल इमेज भी खराब की जा रही थी. यही वजह है कि कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने के बावजूद उन्हें अपेक्षित परिणाम नहीं मिले, लेकिन अंततः वे कृषि कानून के मुद्दे पर मोदी टीम को एक्सपोज करने में कामयाब रहे हैं.

दरअसल, जहां मोदी टीम की सोच खत्म होती है, वहां से ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल की सोच शुरू होती है, जिसके कारण हर सियासी कदम का फायदा कम और नुकसान ज्यादा होता है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को मात देना तो दूर, दिल्ली विधानसभा में अपनी सम्मानजनक मौजूदगी दर्ज करवाने में भी मोदी टीम को कामयाबी नहीं मिल पाई है. अलबत्ता, पीछे के दरवाजे से दिल्ली सरकार पर नियंत्रण करने की कोशिशें जारी हैं.

खबर है कि केजरीवाल सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना- डोर स्टेप डिलिवरी ऑफ राशन पर केंद्र सरकार ने सवालिया निशान लगा दिया है, लेकिन इसके बाद सीएम केजरीवाल ने भी इसे लेकर केंद्र सरकार पर पलटवार किया है. सीएम केजरीवाल ने कहा है कि केंद्र सरकार को इस योजना के नाम पर आपत्ति थी, अगर यही आपत्ति है, तो हमने योजना का नाम हटाने का फैसला किया है, हमें कोई क्रेडिट नहीं चाहिए.

उनका कहना है कि- कुछ वर्ष पहले हमने यह समाधान निकाला कि अगर हम बोरी में पैक करके लोगों का जितना राशन बनता है, उतना सीधे उनके घर पहुंचा देते हैं, तो लोगों को लाइनों में नहीं लगना पड़ेगा. उसी इरादे से मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना लाई गई थी. इसी 25 मार्च से इस योजना की शुरुआत होनी थी, लेकिन केंद्र सरकार ने इस योजना पर रोक लगा दी.

उन्होंने कहा कि इस योजना पर रोक इसलिए लगाई गई क्योंकि केंद्र सरकार ने कहा कि आप इस योजना का नाम मुख्यमंत्री के नाम पर नहीं रख सकते. उनको शायद मुख्यमंत्री शब्द से आपत्ति है. हम यह योजना अपना नाम चमकाने या क्रेडिट के लिए नहीं कर रहे हैं. आज मैंने अफसरों के साथ मीटिंग करके कहा कि इस योजना का नाम हटा दो, अब इसका कोई नाम नहीं है. जैसे पहले केंद्र सरकार से राशन आता था और दुकानों के जरिए बांटा जाता था, अब यह घर-घर पहुंचाया जाएगा. मुझे लगता है कि इस निर्णय के बाद केंद्र की आपत्तियां दूर हो गई होंगी और अब वे इस पर रोक नहीं लगाएंगे.

उधर, पश्चिम बंगाल में मोदी टीम के सबसे बड़े सियासी धार्मिक हथियार पर सीएम ममता बनर्जी ने चंडीपाठ और देव-दर्शन करके उसकी राजनीतिक धार को कमजोर कर दिया है.

ममता बनर्जी उसी सियासी राह पर आगे बढ़ रही हैं, जिस पर गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी चले थे और दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल आगे बढ़े थे. गुजरात विधानसभा चुनाव में भी राहुल गांधी कामयाब हो जाते यदि मणिशंकर अय्यर विवादास्पद बयान नहीं देते! 

https://twitter.com/i/status/1373207502053994496


Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

हमें पांच साल के लिए मौका दें तो पिछले 70 साल की बर्बादी को पाट दूंगा: पीएम मोदी

पीएम मोदी से मिले अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन, रणनीतिक साझेदारी को लेकर जताई प्रतिबद्धता

क्रिस गेल-विव रिचर्ड्स ने कोविड-19 वैक्सीन पहुंचाने के लिए पीएम मोदी को कहा-शुक्रिया

अजय कुमार: योगी ने एक पूर्व नौकरशाह की आड़ में ‘टीम मोदी’ को दिखाया आईना!

टीएमसी सरकार अपने खेल में लगी, पुरुलिया के लोग मांग रहे जवाब- पीएम मोदी

पीएम मोदी, मुख्यमंत्रियों संग बैठक में बोले - कोरोना की दूसरी लहर को तुरंत रोकना होगा, लापरवाही ना बरतें

पीएम मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक, ममता ने नहीं लिया हिस्सा, छग के सीएम भी बैठक में नहीं

राहुल गांधी ने पीएम मोदी की सद्दाम हुसैन और गद्दाफी से तुलना, कहा- चुनाव वो भी करवाते थे

कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंतित केेंद्र सरकार, मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम मोदी करेंगे बैठक

Leave a Reply