नई दिल्ली. पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों से लोग परेशान हैं. देश के कुछ हिस्सों में पेट्रोल की कीमत जहां 100 रुपये के पार है तो वहीं दूसरी तरफ डीजल की कीमत 90 के पार जा चुकी है. ऐसी स्थिति में आम जनता के बीच यह सवाल लगातार उठ रहा है कि आखिर कब तक उन्हें ईंधन की इन बढ़ी कीमतों से राहत मिल पाएगी और ऐसा हो भी या नहीं?
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में मंगलवार को वित्त विधेयक पर चर्चा का जवाब देने के दौरान केन्द्र की तरफ से स्थिति को स्पष्ट किया. निर्मला सीतारमण ने कहा कि जहां तक पेट्रोल-डीज़ल पर टैक्स का सवाल है तो जो केंद्र और राज्य, दोनों टैक्स लगाते हैं. जो टैक्स केंद्र सरकार लेती है उसमें राज्य सरकारों का भी हिस्सा होता है.
केन्द्रीय वित्तमंत्री ने आगे कहा कि अगर राज्य सरकारें चाहेंगी तो अगली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है. लोकसभा में निर्मला ने आगे कहा कि एक सदस्य ने यह मुद्दा उठाया कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी दायरे में लाया जाए. सबसे ज्यादा आज पेट्रोल-डीजल पर टैक्स महाराष्ट्र में है. मैं किसी एक राज्य में ज्यादा या कम टैक्स पर ऊंगली नहीं उठा रही हूं.
उन्होंने कहा कि असल मुद्दा ये है कि तेल पर सिर्फ केन्द्र का ही नहीं बल्कि राज्य का भी टैक्स है. गौरतलब है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर सरकार पर भारी दबाव है. ऐसे स्थिति में केन्द्र सरकार की तरफ से इसको लेकर कई बार स्थिति साफ की जा चुकी है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-फरवरी में जीएसटी राजस्व संगह 1.13 लाख करोड़ के पार
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