प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट मंजुल के व्यंग्यबाण- रावत जी.... चुनाव से पहले सारा ज्ञान बांट देना है!

प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट मंजुल के व्यंग्यबाण- रावत जी.... चुनाव से पहले सारा ज्ञान बांट देना है!

प्रेषित समय :20:58:16 PM / Wed, Mar 24th, 2021

प्रदीप द्विवेदी. देश के जानेमाने कार्टूनिस्ट मंजुल अपने व्यंग्यबाणों के लिए भी चर्चाओं में रहते हैं.

अभी उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अपने बयानों और भाषणों के चलते लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. पहले महिलाओं के फटी जीन्स पहनने वाले बयान पर विवाद ठंडा भी नहीं पड़ा था कि देश की गुलामी को लेकर उनका नया ज्ञान सामने आया कि अन्य देशों के तुलना में भारत कोरोना संकट से निपटने के मामले में बेहतर काम कर रहा है, वहीं अमेरिका, जिसने हमें 200 साल तक गुलाम बनाए रखा और दुनिया पर राज किया, वर्तमान समय में संघर्ष कर रहा है.

यही नहीं, तीरथ सिंह रावत का यह भी कहना था कि कोरोना काल में सरकार की ओर से हर घर में प्रति यूनिट 5 किलो राशन दिया गया. जिनके 10 थे उनको 50 किलो, 20 थे तो क्विंटल भर राशन दिया गया. फिर भी जलन होने लगी कि 2 वालों को 10 किलो और 20 वालों को क्विंटल भर मिला, इसमें जलन कैसी? जब समय था तो आपने 2 ही पैदा किए 20 क्यों नहीं पैदा किए?  

रावत साहब लगातार बयानी धमाके किए जा रहे हैं, जिस पर कार्टूनिस्ट मंजुल का मानना है कि- रावत जी के पास ज्यादा समय नहीं है, चुनाव से पहले सारा ज्ञान बांट देना है!  

उनकी शानदार सलाह भी है कि- रावत जी को एक रफूगर भी रख ही लेना चाहिए, वो जीन्स ठीक कर सकते हैं और रफूगर उनकी बातें!

ताली-थाली की वर्षगांठ पर कार्टूनिस्ट मंजुल ने ट्वीट किया- कोरोना की सेकंड वेव की वजह (जो कि बाद में जनता को भी बताई जाएगी) यह है कि जनता ने ताली-थाली मन से नहीं बजाई.

ईश्वर के अवतारों के आदेशों का पालन न करने वालों को दुष्परिणाम तो भुगतने ही पड़ते हैं!

महाराष्ट्र की ताजा वसूली पॉलिटिकल वेब सीरीज पर कार्टूनिस्ट मंजुल ने रोचक व्यंग्यबाण चलाए थे-

परम वीरता से लिखी चिट्ठी से रोचक चीजें सामने आ रही हैं.

1. शिवसेना कार्यकर्ता से अगर एनसीपी को सौ करोड़ की अपेक्षा थी तो खुद शिवसेना को क्या अपेक्षा रही होगी.

2. सौ करोड़ की अपेक्षा अगर कोरोनाकाल में थी जब सारे धंधे बैठे हैं तो सामान्य समय में ये अपेक्षा कितनी रही होगी.

3. मन्त्री जी इस्तीफा देने भर से क्या हो जाएगा? 100 करोड़ की रकम मंत्री जी अकेले तो रखने वाले नहीं होंगे. न ही इस बात की संभावना है कि आने वाले मंत्री जी इस रकम में कुछ डिस्काउंट देंगे.

4. मजबूत सरकार का एकमात्र लाभ ये है कि उसके घोटाले सामने नहीं आ सकते. घोटाले करने वाले बोलते नहीं हैं और अगर बोलते भी हैं तो मीडिया उसे दबा देता है.

5. कुल मिलाकर जिन लोगों की जगह जेल में होनी चाहिए वो इस्तीफा देकर या दूसरों पर दोषारोपण कर के बच निकलेंगे. इस तरह के और कई सौ करोड़ हैं जिनका लालच सरकार को बचाये रखेगा. और खुदा न खास्ता ये सरकार विदा हो गयी तो ये सौ करोड़ किसी और के पास जाने लगेंगे.

6. एक सूरत ये भी है कि परम वीर सज्जन को झूठा ठहरा कर नौकरी से रुखसत कर दिया जाए (या फिर वो खुद नौकरी छोड़ कर निकल लें) और हम जल्द ही उन्हें राजनीति में देखें.

7. या फिर सबकुछ मैनेज हो जाये और बताया जाए कि चिठ्ठी फर्जी है!

https://twitter.com/MANJULtoons

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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