हाईकोर्ट के आदेश पर एमपी ने अपनी सुंदरी को ओडिशा से वापस लिया, अब कान्हा नेशनल पार्क में खुलकर घूमेगी

हाईकोर्ट के आदेश पर एमपी ने अपनी सुंदरी को ओडिशा से वापस लिया, अब कान्हा नेशनल पार्क में खुलकर घूमेगी

प्रेषित समय :18:15:47 PM / Thu, Mar 25th, 2021

पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ नेशनल पार्क की बाघिन सुंदरी को ओडिशा से वापस लेने में सरकार को सफलता हासिल हो गई है, हाईकोर्ट के आदेश के बाद अधिकारियों की टीम बाघिन सुंदरी को लेकर कान्हा पहुंच गई, आज सुंदरी के स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया, इसके बाद अब उसे कान्हा नेशनल पार्क में छोड़ा जाएगा, जहां पर वह खुली हवा में सांस ले सकेगी.

                            बताया गया है वर्ष 2018 में बांधवगढ़ नेशनल टाइगर रिजर्व पार्क से नर बाघ महावीर व बाघिन सुंदरी को ओडिशा के सतकोसिया राष्ट्रीय उद्यान में भेजा गया था, जहां पर संघर्ष के बाद दोनों को एक बाड़े में रखा गया, बाड़े में कुछ ही दिनों बाद महावीर की मौत हो गई, जिसपर एमपी सरकार ने सुंदरी को वापस पाने के लिए ओडिशा सरकार पर दबाव बनाया लेकिन बात नहीं बनी, मामला एमपी हाईकोर्ट पहुंच गया, जिसपर हाईकोर्ट ने बाघिन सुंदरी को लाने के आदेश दे दिए. कान्हा टाइगर रिजर्व के सहायक संचालक एसके सिन्हा, डाक्टर संदीप अग्रवाल सहित अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ सुंदरी को लेने के लिए ओडिशा गए, जहां से जांच के बाद सुंदरी को लेकर बुधवार को देर रात मंडला के कान्हा नेशनल पार्क पहुंच गए, आज बाघिन सुंदरी के स्वास्थ्य का परीक्षण कर 37 एकड़ के घोरेला बाड़े में छोड़ दिया गया, जहां पर बाघिन सुंदरी उझलते कूदते मिली, जहां से उसे जल्द ही जंगल में छोड़ दिया जाएगा. गौरतलब है कि ओडिशा सरकार ने एमपी सरकार से बाघ देने के लिए अनुरोध किया था, इसके बाद बाघ पुर्नस्थापना कार्यक्रम के चलते बांधवगढ़ से बाघ महावीर व बाघिन सुंदरी को ओडिशा के सतकोसिया टाइगर रिजर्व भेजा गया था, लेकिन वहां पर बाघों ने दो आदमियों व मवेशियों का शिकार कर लिया था, इसके बाद गांव के लोग बाघों के दुश्मन बन गए थे, दोनों को सुरक्षा के चलते बाड़े के अंदर बंद कर दिया गया, वहां पर बाघ महावीर की मौत हो गई, जिसपर एमपी सरकार ने सुंदरी को वापस पाने के लिए ओडिशा सरकार पर दबाव बनाया था.

दिसम्बर में लिखा था सीएम ने पत्र-

बताया गया है कि सीएम शिवराजसिंह चौहान ने ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक को दिसम्बर 2020 लिखा था, कि मएपी ने बाघों का जोड़ा सौंपा था. लेकिन वन्यजीव प्रबंधन में लापरवाही के कारण नर बाघ की मौत हो गई. अब मादा बाघ सुंदरी की भी देखभाल नहीं की जा रही है. जब तक कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में सुंदरी की देखभाल की पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो जाती है तब तक कि उसका वहां पर समुचित ध्यान देकर सुरक्षित रखा जाए.

अब नहीं भेजे जाएगे बाघ-बाघिन-

बाघ पुर्नस्थापना कार्यक्रम के तहत एमपी से बाघ-बाघिन के दो जोड़े दिए जाने थे लेकिन एक जोड़े की जो हालत हुई है उसके बाद एमपी सरकार ने अपने कदम पीछे खींच लिए है, वे अब ओडिशा को कोई बाघ नहीं देगें. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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