वॉशिंगटन. वैक्सीन निर्माता कंपनी फाइजर ने कहा कि उसने गुरुवार को ग्यारह साल से कम उम्र के बच्चों पर कोरोना रोधी वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल में शामिल किया है. यह वैश्विक टीकाकरण अभियान के अगले चरण का एक प्रारंभिक संकेत है.
फाइजर ने कहा कि हमारे साथी बायोएनटेक के साथ, हमने फाइजर-बायोएनटेक कोविड-19 वैक्सीन की सुरक्षा, सहनशीलता और इम्यूनोजेनेसिटी का मूल्यांकन करने के लिए एक वैश्विक चरण 1/2/3 के अध्ययन में पहले स्वस्थ बच्चों टीका लगाया है.
कंपनी ने कहा कि हमें गर्व है कि हमनें वैक्सीन का ट्रायल शुरू किया. बच्चे और उनके परिवार बेसब्री से इसका इंतजार कर रहे हैं. कंपनी के अनुसार इस आयु वर्ग में उपयोग के लिए तीन अलग-अलग खुराक स्तरों का परीक्षण कर रही है.
कंपनी पहले से ही 12 से 15 वर्ष के बच्चों में कोरोना रोधी वैक्सीन के डोज का ट्रायल कर रही है. अमेरिकी आपातकालीन प्राधिकरण में 16 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोग शामिल हैं. फाइजर, मॉडर्ना और एस्ट्राजेनेका ने छोटे बच्चों को अपने टीकों के परीक्षण में शामिल किया है, वहीं जॉनसन एंड जॉनसन अभी इस पर काम शुरू करने का विचार बना रहा है.
बच्चों को आम तौर पर इस बीमारी का सबसे अधिक खतरा होता है और वयस्कों की तुलना में वायरस को संक्रमित करने की संभावना कम होती है. ज्यादातर जानकारों का मानना है कि इस आयुवर्ग को भी कोरोना रोधी टीके मुहैया कराना काफी जरूरी है. फाइजर के प्रवक्ता शेरोन कैस्टिलो ने कहा कि साल 2021 की दूसरी छमाही में ट्रायस से डेटा मिलने की उम्मीद है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अमेरिका के विदेश मंत्री लॉयड ऑस्टिन आज तीन दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचेंगे
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