इस्लामाबाद. आर्थिक तंगी से जूझ रहा कंगाल पाकिस्तान विदेशी खैरात पर चल रहा है. पाकिस्तान की संसद में भी इमरान खान सरकार कबूल कर चुकी है कि हर पाकिस्तानी पर अब 1 लाख 75 हजार रुपए का कर्ज है. हालात इतने खराब हो चुके हैं कि पिछले तीन दिनों के अंदर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्व बैंक से करीब 130 अरब रुपए का लोन चुका है. 2 दिन पहले आईएमएफ द्वारा पाकिस्तान को 500 मिलियन डॉलर (36,22,37,00,000 रुपए) का कर्ज देने के ऐलान के बाद शुक्रवार को पाकिस्तान और विश्वबैंक के बीच 1.3 बिलियन डॉलर के नए कर्ज पर सहमति बनी है.
पाकिस्तान के प्रांतीय सरकारों के प्रतिनिधियों के साथ विश्व बैंक की तरफ से पाकिस्तान के डॉयरेक्टर नूर अहमद और नाजी बेन्हासिन ने सात तरह के अलग-अलग लोन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए. इस कार्यक्रम में पाकिस्तान के आर्थिक मामलों के मंत्री मखदूम खुसरो बख्तियार भी उपस्थित थे. विश्व बैंक से कर्ज ली गई राशि में 200 मिलियन डॉलर टिड्डियों के खिलाफ लड़ाई में इस्तेमाल किया जाएगा. आईएमएफ ने नकदी संकट से जूझ रहे इस देश की आर्थिक प्रगति से संबंधित चार लंबित समीक्षाओं को मंजूरी दे दी है.
आईएमएफ ने 2019 में पाकिस्तान को 39 माह की विस्तारित कोष सुविधा (श्वस्नस्न) के तहत छह अरब डॉलर का ऋण देने की सहमति दी थी. पिछले साल कोविड-19 महामारी की वजह से इसमें बाधा आई. आईएमएफ ने पाकिस्तान को दिए कर्ज को लेकर कड़ी शर्तें लगाई गई हैं. अर्थशास्त्रियों ने दावा किया है कि इस कर्ज से पाकिस्तान में महंगाई दर और ज्यादा बढ़ेगी. इसमें पावर सेक्टर में टैरिफ बढ़ाने और टैक्स ब्रेक को खत्म करने की बात कही गई है. पाकिस्तान का केंद्रीय बैंक आने वाले दिनों में महंगाई को रोकने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी कर सकता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पाक के पीएम इमरान खान भी आए कोरोना की चपेट में, 2 दिन पहले ही लगवाई थी वैक्सीन
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