पुष्पेश कुमार पुष्प. घटना सन् 1882 की है। इंग्लैंड के विल्टशायर नामक नगर में जॉन मोक्सन नाम के एक व्यक्ति न्यायाधीश के पद पर नियुक्त हुआ। एक अदालत में कई मामलों के साथ एक नक्कारे बजाने वाले व्यक्ति का मामला आया। नक्कारे बजाने वाले पर बिना लाइसेंस नक्कारा बजाकर पैसे मांगने का आरोप लगाया गया। केस की सुनवाई के बाद मोक्सन ने पुलिस के आरोप को सही पाया। नक्कारे वाला दोषी पाया गया। जॉन ने इस अपराध के लिए नक्कारे वाले को मुक्त कर दिया किंतु उसका नक्कारा जब्त कर लिया। जब्त नक्कारा उसके घर पहंुचा दिया गया।
नक्कारा मोक्सन की अनुपस्थिति में पुलिस वालों ने उसके घर पहुंचा दिया था लेकिन इस बात की जानकारी उसे नहीं थी। परिवार के सदस्यों ने नक्कारे को कबाड़ खाने में रखवा दिया। इसके बाद अचानक मोक्सन किसी आवश्यक काम से बाहर चला गया। जब तीन -चार दिन बाद लौटा तो घर का माहौल देखकर दंग रह गया। घर में आतंक का साया मंडरा रहा था। उसे बताया गया कि पिछले तीन दिनों से घर के दरवाजे, खिड़कियां और छत परधम -धम की आवाजें रूक -रूककर आती हैं। इन आवाजों का कोई निश्चित समय नहीं है। रात -दिन इन धमाकेदार का क्रम जारी रहता है। आवाजें भी बहुत तेज -तेज आती हैं।
मोक्सन इन बातों को सुनकर बेहद परेशान हो गया। उस समझ में यह बात नहीं आ रही थी कि उसके घर में इस प्रकार की आवाजें क्यों होती है ? अतः उसने स्वयं घटना को देखने का निश्चय किया। इसके लिए वह घर के भीतर ही रहा जब तक कि स्वयं आवाजें सुनी नहीं। पहलेे दो दिन और दो रातें तो वैसे ही बीत गये किंतु धमाके नहीं सुनायी दिये। उसे लगा घर वाले व्यर्थ ही डर रहे हैं किंतु तीसरी रात जब मोक्सन घर पर ही मौजूद था, अचानक आधी रात को धमाके सुनाई देने लगे। मोक्सन घर से बाहर आया और कारण की खोज करने लगा। उसे कोई आदमी वगैरह नहीं दिखा। इस प्रकार जोरदार धमाके का सिलसिला रोज चलने लगा। आठ दिन बाद धमाकेदार आवाज घर के भीतर से आने लगा।
शीघ्र ही यह घटना पूरे विल्टशायर में चर्चित हो गई।
एक अति साहसी व्यक्ति पूरे घर की खोज में लग गया। उसे अचानक सामने की सीढ़ियों के नीचे तक एक चमकता हुआ प्रकाश बिंदु चलता दिखाई पड़ा। वह शीघ्र ही उस प्रकाश बिंदु की ओर दौड़ा किंतु तब तक वह प्रकाश बिंदु ऊपर की ओर चलने लगा। व्यक्ति प्रकाश बिंदु के पीछे हो लिया। आगे -आगे प्रकाश बिंदु , पीछे -पीछे वह व्यक्ति किंतु सबसे ऊपर जा पहुंचा और उसके पीछे आदमी भी। तभी एकाएक वह बिंदु नीचे की सीढ़ियों पर आ गया।
एक अन्य खोजी व्यक्ति के साथ दूसरी घटना घटी। जब वह तथ्य की खोज में लगा हुआ था तो उसे अचानक महसूस हुआ कि एक स्कर्ट सरसराता हुआ आया और उसे छूता हुआ सामने के कमरे में प्रवेश कर गया। उस व्यक्ति ने स्कर्ट का पीछा करना शुरू कर दिया। काफी भाग -दौड़ के बाद भी वह स्कर्ट को पकड़ न सका।
एक ओर घर में अजीबो-गरीब घटनाएं घट रही थी तो दूसरी ओर धमाकेदार आवाजों में भी कोई कमी नहीं आ रही थी। एक दिन मोक्सन ने देखा कि उसका घोड़ा अस्तबल में मरा पड़ा हुआ है। उसके दोनों पिछले पैर उसके मुंह में ठूसे हुए हैं।
ऐसा विश्वास किया जाता है कि कुत्ते -बिल्ली जैसे जानवरों को भूत -प्रेतों के अस्तित्व का तुरंत ज्ञान हो जाता है। इन घटनाओं का घर के पालतू जानवरों पर कोई प्रभाव नहीं था। जब धमाकों की तेज आवाज से सारा घर जाग जाता तो उस समय भी आधी रात को कुत्ते बड़े आराम से सो रहे होते।
प्रायः ऐसा होता था कि जिस कमरे में कुत्ता सो रहा होता , उसके दरवाजे और खिड़कियों में सबसे अधिक धमाके होते तथा कुत्ता बेखबर सो रहा होता।
यह सिलसिला महीनों तक चलता रहा। खोज करने वाले खोज कर हार गए किंतु इस रहस्य पर से परदा न उठ सका। इसी बीच अचानक वह नक्कारे वाला इंग्लैंड के एक दूसरे शहर ग्लौसेस्टर में चोरी के आरोप में पकड़ा गया। पुलिस ने उसकी जमकर पिटाई की तो उसने सारे आरोप स्वीकार कर लिए। अपराधों की बात में एक अपराध यह भी सामने आया कि उसने गुस्सा होकर मोक्सन के घर प्रेतात्मा छोड़ दी थी। ऐसा उसने बदला लेने के लिए किया था। उसे मोक्सन के सामने उपस्थित किया गया। मोक्सन को सारी बातों का पता चला। बयान में नक्कारे वाले ने यह भी बताया कि जब तक वह नक्कारा मोक्सन के घर में रहेगा, तब तक प्रेतात्मा उन्हें परेशान करती रहेगी।
मोक्सन ने तुरंत अपने घर से उस नक्कारे की खोज करवाई। वह कबाड़ खाने में मिल गया। मोक्सन ने उस नक्कारे को बहुत दूर कूड़े में फेंक दिया। नक्कारे के उस मकान से हटते ही वह सारे धमाके, आवाजें समाप्त हो गई।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कोरोना एक्सप्रेस की रफ्तार, हर्ड इम्यूनिटी का स्तर हासिल कर पाना मुश्किल है !
गौरैया के लिए लाखों घोंसले बना चुका शख्स, जिसे PM ने कहा स्पैरो-मैन
दुल्हन… जिसने हक़ मेहर में मांगीं एक लाख रुपए मूल्य की किताबें
Leave a Reply