नई दिल्ली. देश के सर्वोच्च न्यायालय ने आज महाराष्ट्र सरकार व अनिल देशमुख को बड़ा झटका दिया है, सुप्रीम कोर्ट ने 100 करोड़ रुपए की उगाही के मामले में सीबीआई जांच के मुम्बई हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने से इंकार कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने अनिल देशमुख और महाराष्ट्र्र सरकार की याचिकाएं खारिज करते हुए कहा जिस तरह के आरोप हैं और जिस तरह के लोग शामिल हैं, मामले में स्वतंत्र जांच की जरूरत है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने के इच्छुक नहीं हैं. वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगे 100 करोड़ की वसूली आरोपों की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई की अब तक दो टीमें मुंबई पहुंच चुकी हैं. मुम्बई हाईकोर्ट ने अधिवक्ता जयश्री पाटिल की आपराधिक याचिका पर देशमुख के खिलाफ सीबीआइ जांच के आदेश दिए हैं. सीबीआइ जांच की मांग को लेकर मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह और कुछ अन्य लोगों ने भी याचिकाएं दायर की थीं. देशमुख पर पुलिस अफसरों के जरिये हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली का आरोप परमबीर ने ही लगाया है.
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के करीब आधा दर्जन अधिकारियों की टीम मुंबई रवाना हुई, वह एडवोकेट जयश्री पाटिल का बयान दर्ज करेगी. सीबीआई की टीम मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के बयान भी दर्ज करेगी. मुम्बई हाई कोर्ट ने सीबीआई को 15 दिन के भीतर प्रारंभिक जांच पूरी करने को कहा है. सीबीआइ को सचिन वाझे से भी पूछताछ की इजाजत मिल गई है. जांच एजेंसी ने बुधवार को ही एनआइए की अदालत से वाझे से पूछताछ की इजाजत मांगी थी. जज पीआर सितरे ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआइ को पूछताछ की इजाजत दे दी. वाझे को एनआइए ने 13 मार्च को गिरफ्तार किया था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-महाराष्ट्र: मुंबई पुलिस की रिपोर्ट में आरोप, परमबीर सिंह ने सचिन वाजे को दी थी शह
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