काली मां दुर्गा का ही एक स्वरूप है. मां दुर्गा के इस महाकाली स्वरुप को देवी के सभी रूपों में सबसे शक्तिशाली माना जाता है. दस महाविद्याओं में काली का पहला स्थान माना जाता है.
दुष्ट, अभिमानी राक्षसों के संहार के लिए मां काली को जाना जाता है. अक्सर काली की साधना सन्यासी या तांत्रिक करते ही करते हैं लेकिन मां काली के कुछ मंत्र ऐसे भी हैं जिनका जाप कर कोई भी साधक अपने जीवन के संकटों को दूर कर सकता है.
22 अक्षरी श्री दक्षिण काली मंत्र
ॐ क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं स्वाहा॥
इस मंत्र के जरिये दक्षिण काली का आह्वान किया जाता है. शत्रुओं के विनाश के लिए साधक इस मंत्र के जरिये मां काली की साधना करते हैं व सिद्धि प्राप्त करते हैं. तंत्र विद्या में मां काली की साधना के लिए यह मंत्र काफी लोकप्रिय है. इस मंत्र का तात्पर्य है अर्थ है कि परमेश्वरी स्वरुप जगत जननी महाकाली महामाया मां मेरे दुखों को दूर करें. शत्रुओं का नाश कर मां अज्ञानता का अंधकार मिटाकर ज्ञान का प्रकाश हो. वैसे भी मां काली ज्ञान, मोक्ष तथा शत्रु नाश करने की अधिष्ठात्री देवी हैं. इनकी कृपा से समस्त दुर्भाग्य दूर हो जाते हैं
एकाक्षरी काली मंत्र
ॐ क्रीं
यह मां काली का एकाक्षरी मंत्र है. इसका जप मां के सभी रूपों की आराधना, उपासना और साधना में किया जा सकता है. मां काली के इस एकाक्षरी मंत्र को मां चिंतामणि काली का विशेष मंत्र भी कहा जाता है.
तीन अक्षरी काली मंत्र
ॐ क्रीं ह्रुं ह्रीं॥
मां काली की साधना व उनके प्रचंड रुपों की आराधना के लिए यह तीन अक्षरी मंत्र एक विशिष्ट मंत्र है. एकाक्षरी व त्रयाक्षरी मंत्रों को तांत्रिक साधना के मंत्र के पहले और बाद में संपुट की तरह भी लगाया जा सकता है.
पांच अक्षरी काली मंत्र
ॐ क्रीं ह्रुं ह्रीं हूँ फट्॥
माना जाता है कि इस पंचाक्षरी मंत्र का जाप प्रतिदिन प्रात:काल में 108 बार किया जाये तो मां काली साधक के सभी दुखों का निवारण करके उसके यहां धन-धान्य की वृद्धि करती हैं. पारिवारिक शांति के लिए भी इस मंत्र का जप किया जाता है.
षडाक्षरी काली मंत्र
ॐ क्रीं कालिके स्वाहा॥
इस षडाक्षरी मंत्र का जप सम्मोहन आदि तांत्रिक सिद्धियों के लिए किया जाता है. यह मंत्र तीनों लोकों को मोहित करने वाला है.
सप्ताक्षरी काली मंत्र
ॐ हूँ ह्रीं हूँ फट् स्वाहा॥
यह मंत्र भी धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति के लिए यह मंत्र कारगर माना जाता है.
श्री दक्षिणकाली मंत्र
ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं दक्षिणकालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रुं ह्रुं ह्रीं ह्रीं॥
तांत्रिक इस मंत्र के जरिये दक्षिण काली की साधना कर सिद्धि प्राप्ति की कामना करते हैं. यदि आपको शत्रुओं का भय सता रहा है तो आप भी अपने गुरु के मार्गदर्शन में इस मंत्र का जाप कर सकते हैं.
श्री दक्षिणकाली मंत्र
क्रीं ह्रुं ह्रीं दक्षिणेकालिके क्रीं ह्रुं ह्रीं स्वाहा॥
यह भी दक्षिण काली का एक प्रचलित मंत्र है. रोग दोष आदि को दूर करने के लिए इस मंत्र से साधना करें. मां काली शीघ्र कृपा करती हैं.
श्री दक्षिणकाली मंत्र
ॐ ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं दक्षिणकालिके ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं स्वाहा॥
इस मंत्र में भी विभिन्न बीज मंत्रों को सम्मिलित किया गया है जिससे मंत्र और अधिक शक्तिशाली हो जाता है. मां काली को शीघ्र प्रसन्न करने के लिए तांत्रिक या सन्यासी इस मंत्र के द्वारा मां काली की साधना करते हैं.
श्री दक्षिणकाली मंत्र
ॐ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रुं ह्रुं ह्रीं ह्रीं दक्षिणकालिके स्वाहा॥
यह काली माता का एक विशिष्ट मंत्र है इसका प्रयोग भी तांत्रिक साधना में किया जाता है.
भद्रकाली मंत्र
ॐ ह्रौं काली महाकाली किलिकिले फट् स्वाहा॥
मां भद्रकाली के इस मंत्र का प्रयोग शत्रुओं को वश में करने के लिये किया जाता है. शत्रुओं के तीव्र विनाश के लिये मां भद्रकाली की साधना की जाती है. मां भद्रकाली को धर्म, कर्म और अर्थ की सिद्धी देने वाली माना जाता है. साधक जिस भी कामना से भद्रकाली की साधना करता है, उनकी उपासना करता है, वह पूर्ण होती है.
श्री शमशान काली मंत्र
ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं कालिके क्लीं श्रीं ह्रीं ऐं॥
यह माना जाता है कि शमशान काली शमशान में वास करती हैं व शव की सवारी करती हैं. तंत्र विद्या के अनुसार शमशान काली की साधना शवारुढ़ यानि शव पर बैठकर की जाती है.
इसलिए यह बहुत ही जटिल एवं अमानवीय साधना भी मानी जाती है जो कि सामाजिक व कानूनी रुप से लगभग प्रतिबंधित है. फिर भी लकड़ी आदि के टुकड़ों में प्राण प्रतिष्ठा कर उसे शव का रुप देकर भी तांत्रिक शमशान काली की साधना करते हैं. भूत-प्रेत, पिशाचादि को वश में करने के लिए शमशान काली की साधना की जाती है.
नोट: यह बात विशेष रुप से ध्यान दें कि कोई भी साधना गुरु के मार्ग दर्शन में ही करें. विशेषकर मां काली की साधना कठिन होने के कारण तांत्रिकों अथवा योगियों द्वारा ही की जाती है. माना जाता है कि भूलवश भी यदि गलत मंत्रोच्चारण किया तो उसका प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ सकता है व मां काली के कोप का भाजन बनना पड़ सकता है. कमजोर दिल के लोगों को मां काली की साधना से दूर रहना चाहिये.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बांग्लादेश के शक्तिपीठ में प्रधानमंत्री मोदी ने की मां काली की पूजा अर्चना
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