नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल चुनावों में नेताओं के बिगड़े बोल को लेकर चुनाव आयोग ने बीजेपी नेता दिलीप घोष और शुवेंदु अधिकारी को नोटिस भेजा है. चुनाव आयोग ने दोनों नेताओं से अपने-अपने बयानों को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है. इसके साथ ही बीजेपी नेता राहुल सिन्हा पर चुनाव आयोग ने प्रचार करने के लिए 48 घंटे तक की रोक लगा दी है.
चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष से कल सुबह 10 बजे तक कूचबिहार के सीतलकुची की घटना पर उनके बयान पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा है. जिसके बाद दिलीप घोष ने कहा कि टीएमसी चुनाव को बाधित करने का प्रयास कर रही है. चुनाव आयोग को निशाना बनाया जा रहा है. ईवीएम को लूटने के लिए बोल रहे हैं. केंद्रीय बलों पर हमला कराया जा रहा है. इसकी जिम्मेदारी ममता बनर्जी की है. वे आयोग का निर्णय न मानकर आंदोलन कर रही हैं. एक मुख्यमंत्री को यह शोभा नहीं देता.
बता दें कि दिलीष घोष ने कूचबिहार हिंसा को लेकर कहा, इतने सारे शरारती लड़के कहां से आए? उन शरारती लड़कों को कल गोली मार दी गई थी. ये शरारती लड़के बंगाल में नहीं होंगे. यह सिर्फ शुरुआत है, जो केंद्रीय बलों की राइफल को थकाऊ समझते हैं, वे सिर्फ दिखाने के लिए थे. अब अच्छी तरह से कारतूस की शक्ति को समझ गए हैं. जो लोग कानून को अपने हाथों में ले लेंगे, उन्हें जवाब दिया जाएगा. मुझे आशा है कि आप सभी अपने वोट डालने के लिए कतारबद्ध होंगे. 17 अप्रैल की सुबह केंद्रीय बल बूथों में होंगे. अगर कोई अपनी सीमा पार करता है तो आपने देखा है कि शीतलकुची में क्या हुआ है. तो सावधान रहना.
शुवेंदु को चुनाव आयोग की चेतावनी
चुनाव आयोग ने भाजपा नेता शुवेंदु अधिकारी को उनके 29 मार्च को दिए गए भाषण के लिए चुनाव आयोग ने चेतावनी दी है. इसके लिए उन्होंने 9 अप्रैल को जवाब दाखिल किया था. आयोग ने उन्हें सलाह दी है कि जब आदर्श आचार संहिता लागू है तो सार्वजनिक रूप से इस तरह के बयान देने से बचें.
बीजेपी नेता राहुल सिन्हा के प्रचार पर रोक
भारत के चुनाव आयोग ने भाजपा नेता राहुल सिन्हा पर अगले 48 घंटों के लिए किसी भी तरीके से प्रचार करने से रोक लगा दी. यह रोक आज से शुरू होकर 15 अप्रैल को दोपहर 12 बजे तक जारी रहेगा. सिन्हा पर शीतलचू, कूच बिहार हिंसा पर उनकी टिप्पणी को लेकर यह रोक लगाई गई है.
राहुल सिन्हा ने अपने भाषण में कहा था कि केंद्रीय बलों ने उन्हें जवाब दिया है. यदि वे इसे फिर से ऐसा करते हैं तो उन्हें फिर से सबक सिखाया जाएगा. केंद्रीय बलों को शीतलकुची में चार के बजाय आठ व्यक्तियों को मारना चाहिए था. केंद्रीय बलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने उनमें से केवल चार को क्यों मारा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-इलेक्शन कमीशन ने गृह मंत्रालय को तत्काल सुरक्षा बलों की 71 और कंपनियां बंगाल भेजने का निर्देश दिया
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