नजरिया. वैसे तो देश में कोरोना वायरस एक बार फिर कहर बरपा रहा है, लेकिन गुजरात में हालात बेहद खराब हैं.
खबरें हैं कि कोविड-19 से मरने वालों को रीति रिवाजों और समय पर अंतिम संस्कार तक नसीब नहीं हो रहा है, मौत का आंकड़ा ऐसा है कि श्मशान घाट पर अंतिम क्रिया मुश्किल से हो पा रही है.
खबरों पर भरोसा करें तो गुजरात में सबसे खराब हालत सूरत की है, जहां लगातार दाह संस्कार जारी है और लगातार हो रहे दाह संस्कार के चलते श्मशान की भट्टियां, चिमनियां तक पिघल गई हैं, लोहे के एंगल का भी आकार बदल रहा है.
कितनी आश्चर्य की बात है कि गुजरात के हालात बेहद चिंताजनक होते जा रहे हैं और गुजरात के प्रमुख नेता पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह, इन खतरनाक दिनों को नजरअंदाज करके पश्चिम बंगाल में सत्ता हासिल करने के लिए अच्छे दिनों के सपने दिखा रहे हैं.
गुजरात के हालात पर गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल कहते हैं- कांग्रेस महाराष्ट्र में हर दिन 50,000 हजार कोरोना मरीज मिल रहे है फिर भी रेमडेसिवीर इंजेक्शन सबको मिल जाता है, लेकिन गुजरात में हर दिन 5,000 हजार कोरोना के केस आते है फिर भी मरीजों को रेमडेसिवीर इंजेक्शन नहीं मिल रहा, तीन किलोमीटर की लंबी लाइन हो रही हैं, कुछ भी समझ में नहीं आ रहा.
पिछले एक साल से गुजरात में कोरोना महामारी के कारण परिस्थिति बेहद ख़राब है फिर भी संयुक्त दल की बैठक करने में भाजपा को क्या तकलीफ हैं. गुजरात के 182 में से 65 विधायक कांग्रेस के हैं, फिर भी विपक्ष को महत्व नहीं देना कहाँ का न्याय हैं? भाजपा अपनी मनमानी कर जनता को दुखी कर रही हैं!
शोनार बांग्ला का तो पता नहीं, लेकिन गुजरात का क्या हाल हो रहा है, वह सबके सामने हैं?
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-केन्द्र सरकार ने विदेश निर्मित कोरोना वैक्सीन को मंजूरी देने की प्रक्रिया तेज की
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