जबलपुर में कोरोना से हाहाकार, अस्पतालों और घरों में 61 मौतें, अस्पतालों में भर्ती के लिए दलाली शुरू

जबलपुर में कोरोना से हाहाकार, अस्पतालों और घरों में 61 मौतें, अस्पतालों में भर्ती के लिए दलाली शुरू

प्रेषित समय :16:52:53 PM / Fri, Apr 16th, 2021

जबलपुर. एमपी के जबलपुर में जहां कोरोना संक्रमण से लगातार तेजी से फैल रहा है, जिससे हाहाकार मचा है, वहीं जिला प्रशासन मौतों पर पर्दा डाल रहा है, जबकि श्मशान में जलती लाशें कोरोना से मौतों की गवाही दे रही हैं. सरकारी आंकड़े में 8 मौतें बताई गईं, जबकि गुरुवार को दो श्मशान घाटों पर 60 कोविड शवों का अंतिम संस्कार हुआ. एक का शव तो परिजन अस्पताल में ही छोड़कर चले गए.

अस्पतालों में बेड की मारामारी, दलाल सक्रिय

अस्पतालों में एक-एक बेड के लिए मारामारी मची हुई है. यहां 4,614 एक्टिव केस और 2,082 संदिग्ध केस हो गए हैं. शहर में कुल 764 वेंटिलेटर पर मरीज हैं. इसी तरह ऑक्सीजन सपोर्ट वाले 1602 बेड लगभग फुल हैं. शहर की कुछ निजी अस्पतालों के बाहर कारों में मरीज को लेकर परिजन इंतजार में हैं. उन्हें उम्मीद है कि किसी मरीज की छुट्टी हो जाए तो उन्हें बेड मिल जाए. बेड की दलाली भी शुरू हो गई है.

श्मशान घाट में जगह की कमी, विस्तार दिया जा रहा

कोविड से मृत लोगों के अंतिम संस्कार में जगह की कमी होने लगी है. गुरुवार को जेसीबी लगाकर चौहानी श्मशान घाट में जगह समतल कराई गई. इससे यहां 15 से 20 शवों के संस्कार के लिए जरूरी जगह का इंतजाम और हो गया. वहीं, तिलवारा में भी कोविड संक्रमितों का अंतिम संस्कार शुरू कर दिया गया है. गुरुवार को यहां 7 संक्रमितों के शवों का अंतिम संस्कार किया गया.

61 लोगों की हुई मौत, कई जबलपुर जिले के

गुरुवार को मेडिकल सहित शहर के प्राइवेट अस्पतालों में कुल 59 लोगों की मौत हुई. वहीं गढ़ा व कांचघर में दो संक्रमितों की मौत घर पर हुई. 59 शवों में 31 की मौत मेडिकल कॉलेज में हुआ. नगर निगम की टीम और मोक्ष संस्था की ओर से चौहानी और तिलवारा श्मशान घाट में शवों का अंतिम संस्कार किया गया. सिवनी निवासी एक संक्रमित की मौत सुखसागर में होने के बाद परिजन शव छोड़कर चले गए.

एक दिन की लकड़ी चौहानी श्मशान घाट में बची

कोरोना संक्रमितों को जलाने के लिए लकड़ी की भी भारी कमी पड़ गई है. चौहानी श्मशान घाट में महज एक दिन की लकड़ी और बची है. कलेक्टर को मामले से अवगत करा दिया गया है. एक शव जलाने में ढाई से तीन क्विंटल लकड़ी की जरूरत पड़ती है. शुक्रवार तक लकड़ी का प्रबंधन नहीं हुआ तो शवों को जलाने का संकट खड़ हो जा जाएगा.

अस्पताल में भर्ती कराने के नाम पर दलाली शुरू

अस्पतालों में बेड की दलाली भी शुरू हो गई. कटनी से संक्रमित होकर आए एक मरीज को भर्ती कराने के लिए परिजन बुधवार की पूरी रात परेशान हुए. गुरुवार को दलाल ने 15 हजार रुपए लेकर मरीज को मेडिकल अस्पताल में बेड दिला दिया. मरीज के परिजन इस डर से इस दलाल की शिकायत करने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं कि कहीं उनके मरीज के इलाज में न लापरवाही हो जाए.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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