प्रदीप द्विवेदी. कोरोना संकट में बद से बदतर होते हालात के बीच अंततः पीएम नरेंद्र मोदी टीवी पर प्रकट हुए और शानदार प्रवचन दिया.
उन्होंने अपनी सरकार की महान उपलब्धियों की जानकारी देते हुए मुफ्त की वैक्सीन देने का भी जिक्र किया.
बड़ा सवाल यह है कि यह मुफ्त की वैक्सीन कौन दे रहा है? सरकारी खजाना तो जनता के धन से ही भरा गया है!
मुफ्त का माल तो वे उड़ा रहे हैं, जो सरकारी खर्चों पर देश-विदेश की यात्राएं करते रहे हैं, सुख-सुविधाएं भोगते रहे हैं?
मुफ्त की वैक्सीन तो जनता का हक है, क्योंकि इसके पैसे तो सरकार पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस सहित विभिन्न टैक्स में बेरहमी से वसूलती रही है, लूटती रही है!
बेशर्म सरकार तो कथित बीस लाख करोड़ की कोरोना राहत पर भी चुप्पी साध कर बैठ गई है.
वैसे भी किसी झूठे प्रधानमंत्री से सच्चाई की उम्मीद करना बेकार है, लोग अपने आप से पूछें कि बीस लाख करोड़ में से उनके परिवार को कितने रुपए मिले?
क्या बिजली के बिल में राहत मिली? क्या आवश्यक वस्तुओं के दाम कम हुए, टैक्स कम हुआ? पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की लूट में कोई कमी हुई?
कोरोना काल में तो केवल कारोबारी मित्रों की बल्ले-बल्ले हो गई, मध्यम वर्ग की तो सामाजिक प्रतिष्ठा ही दांव पर लग गई, छोटे कारोबारियों, गरीब मजदूरों की तो रोजी-रोटी पर ही प्रश्नचिन्ह लग गया?
पीएम मोदी सरकार की यह महान उपलब्धि है कि करोड़ों मध्यम वर्ग परिवार गरीबी की रेखा के नीचे पहुंच गए हैं!
मोदीजी! आप करोड़ों रुपयों के हवाई जहाजों में यात्राएं करो, सरकारी सुख-सुविधाएं भोगो, बगैर मास्क के चुनावी रैलियां करो, लेकिन मुफ्त की वैक्सीन और दो गज दूरी, मास्क है जरूरी जैसे प्रवचन नहीं दें? मुफ्त की वैक्सीन कह कर नागरिकों का अपमान नहीं करें!
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पीएम मोदी का राष्ट्र को संबोधन, कहा- कोरोना की दूसरी लहर तूफान बनकर आयी, देश को लॉकडाउन से बचाना है
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