आज का दिनः गुरुवार 22 अप्रैल 2021, पूजा-प्रयोग-ज्योतिष की उपयोगिता क्या है?

आज का दिनः गुरुवार 22 अप्रैल 2021, पूजा-प्रयोग-ज्योतिष की उपयोगिता क्या है?

प्रेषित समय :21:33:14 PM / Wed, Apr 21st, 2021

- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी

अगर भाग्य को बदला नहीं जा सकता है तो पूजा-प्रयोग-ज्योतिष शास्त्र की क्या उपयोगिता है? यह वैसा ही सवाल है कि यदि नजारा बदला नहीं जा सकता है तो नजरों की क्या उपयोगिता है?

माना कि हम नजारा नहीं बदल सकते, लेकिन नजरिया तो बदल सकते हैं. हम धूप को नहीं बदल सकते हैं मगर धूप का चश्मा लगा कर धूप की परेशानी तो कम कर सकते हैं, अगर हमें साफ नजर नहीं आ रहा है तो नंबर का चश्मा लगा कर साफ देख तो सकते हैं.

ठीक वैसे ही, पूजा-प्रयोग-ज्योतिष के सहयोग से हम ऋणमुक्त नहीं हो सकते लेकिन ऋण से राहत तो मिल सकती है. उदाहरण के लिए बैंक वाले आ कर खड़े हो जाएं कि अभी-के-अभी ऋण के एक लाख रुपए चुकाओं तो हालत खराब हो जाएगी, लेकिन वही बैंक वाले इस बात के लिए राजी हो जाएं कि पांच-पांच हजार की किश्त देकर लोन चुकता करो, तो तुरंत ऋण से राहत मिल जाएगी. ऋण वही एक लाख है, ऋण से मुक्ति नहीं मिली है, ऋण से राहत मिली है, पूजा-प्रयोग-ज्योतिष शास्त्र की यही उपयोगिता है.

ज्योतिष शास्त्र हमें जीवन यात्रा का नक्शा उपलब्ध करवाता है. इसका यह फायदा है कि कहां तेजी से आगे बढ़ना है? कहां धीमी गति से चलना है? और कहां विकट मोड़ पर सतर्कता रखनी है? इसकी जानकारी मिल सकती है, तो पूजा-अर्चना से अज्ञात खतरों से रक्षा होती है.

जिस तरह शरीर विज्ञान का जानकार डॉक्टर हर व्यक्ति को पहलवान नहीं बना सकता है, वैसे ही, ज्योतिष शास्त्र का जानकार ज्योतिषी हर व्यक्ति को धनवान नहीं बना सकता है. यदि किसी व्यक्ति में पहलवान बनने के गुण मौजूद हैं, तो डॉक्टर के सहयोग से वह अच्छा पहलवान बन सकता है, वैसे ही, जिसकी जन्म कुंडली में धनवान बनने के योग हैं, उसे ज्योतिषी अच्छी राह दिखा सकता है.

पूजा-प्रयोग-ज्योतिष शास्त्र से चमत्कार की उम्मीद नहीं रखेंगे, तो इसका वास्तविक फायदा नजर आएगा!

- आज का राशिफल -

मेष राशि:- आसानी से लोगों की मदद मिलने की वजह से आप अपने लिए कोई खतरा न पैदा करते चले जाएँ. अपने खर्चों क व्यर्थ में बढ़ा लेना भी एक तरह की गलती है जिसे बेकाबू न होने दें.

वृष राशि:- कामकाज के क्षेत्र में आपके साथी सहयोगी हों या आपके बॉस, किसी से भी मतभेद में बिलकुल न पड़ें. ऐसा करके आप अपनी दिक्कतों को कहीं इतना न बढ़ा लें की उसका बुरा असर आपके काम की स्थिरता पर पड़े.

मिथुन राशि:- किसी प्यार के रिश्ते को समझने में या उसमे समय लगाने में कोई कमी न रखें. हालात मददगार हैं इसलिए भी अपनी स्तिथि का सही आंकलन करना होगा, ताकि घर-परिवार से जुडी चिन्ताओं को लेकर आप कहीं परेशान न हो जाएँ.

कर्क राशि:- घर-परिवार में किसी छोटी बात को लेकर किसी बात को बिगाड़ें नहीं. ऐसे किसी अहम व्यक्ति को नाराज़ कर लेना ठीक नहीं है जो आपकी मदद करना चाह रहा है.

सिंह राशि:- अपनी मेहनत को और अपनी लगन को इस रूप से बनायें की वो आपको लोगों से जोड़ सके. रिश्तों की अच्छी बनती हुई संभावनाओं से कामकाज के क्षेत्र में भी बढ़ोतरी होगी. अपने साथी सह्योगिओं को किसी भी वजह से शक की नजर से बिलकुल न देखें.

कन्या राशि:- किसी भी तरह की बहस में पैसे को मुद्दा न बनायें. ऐसा करने से पैसे के फंसने का अंदेशा हो जायेगा और यही इस समय ठीक नहीं है.

तुला राशि:- चाहे घर-परिवार के रिश्तों की बात हो या किसी प्यार के रिश्ते की, किसी भी एक रिश्ते को बढ़ावा देने के लिए किसी दुसरे रिश्ते को नाराज़ न कर लें. ऐसा करके आप व्यर्थ में लोगों से फासले न बढाते चले जाएँ.

वृश्चिक राशि:- अपनों के करीब आने के जो भी अच्छे मौके मिल रहे हैं उन्हें अपने हाथ से जाने न दें. ऐसे में अपनी सीमाओं से बढ़कर भी कुछ किसी के लिए कुछ करना पड़े तो भी घबराएँ नहीं.

धनु राशि:- अपने दोस्तों से किसी बहस में बिलकुल न पड़ें और अगर कोई बहस छिड जाये तो उसमे सिर्फ अपने फायदे की बात न करते चले जाएँ, ऐसा करके आप कहीं अपनी छवि न बिगाड़ लें.

मकर राशि:- अपने कामकाज में नियमित हो जाने के जो फायदे हैं उन्हें कम न समझें. अपने पैसे की स्तिथि को अगर बचाए रखना है तो बहुत ज्यादा उदारता भी न दिखाएँ. थोडा सा अपना हाथ खींच लें.

कुम्भ राशि:- अपनी अच्छाई को बनाये रखना है तो किसी भी तरह की गलतफ़हमी में न पड़ें. अपनी बात बहुत स्पष्टता से कहें ताकि कोई दिक्कत पैदा ही न हो.

मीन राशि:- अपने काम या कारोबार को लेकर कोई ऐसा बड़ा कदम न उठायें जो आपको किसी खतरे में डाल दे. ऐसे समय में अपनी बचत को भी किसी खतरे में डालना ठीक नहीं होगा.

   * आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ)  वाट्सएप नम्बर 9131366453 

* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.

- गुरुवार का चौघडिय़ा -

दिन का चौघडिय़ा               रात्रि का चौघडिय़ा

पहला- शुभ                               पहला- अमृत

दूसरा- रोग                             दूसरा- चर

तीसरा- उद्वेग                       तीसरा- रोग

चौथा- चर                             चौथा- काल

पांचवां- लाभ                      पांचवां- लाभ

छठा- अमृत                        छठा- उद्वेग

सातवां- काल                         सातवां- शुभ

आठवां- शुभ                         आठवां- अमृत

* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है 

* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.

* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.

* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.

* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.

* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है! 

- पंचांग-

गुरुवार, 22 अप्रैल, 2021

शक सम्वत 1943   प्लव

विक्रम सम्वत 2078

काली सम्वत 5123

दिन काल 13:01:32

मास चैत्र

तिथि दशमी - 23:37:53 तक

नक्षत्र आश्लेषा - 08:16:01 तक

करण तैतिल - 12:13:50 तक, गर - 23:37:53 तक

पक्ष शुक्ल

योग गण्ड - 17:00:35 तक

सूर्योदय05:49:10

सूर्यास्त18:50:42

चन्द्र राशि कर्क - 08:16:01 तक

चन्द्रोदय 13:45:00

चन्द्रास्त 27:22:00

ऋतु ग्रीष्म

अग्निवास पृथ्वी - 11:35 पी एम तक, आकाश

दिशा शूल दक्षिण

चन्द्र वास उत्तर - 08:15 ए एम तक

पूर्व से 08:15 ए एम से पूर्ण रात्रि

राहु वास दक्षिण

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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