नई दिल्ली. रिफाइंड ऑयल की महंगाई ने तो नाक में दम किया ही है कि अब अधिकतर घरों में इस्तेमाल होने वाला सरसों का तेल किचन का बजट फेल कर रहा है. मशीनों पर मिलने वाला सरसों का शुद्ध खुला तेल केवल 5 दिन में 135 रुपये लीटर से 175 रुपये पर पहुंच गया है. वहीं अगर बात सरकारी आंकड़ों की करें तो केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय की वेसाइट के मुताबिक सरसों के पैक तेल की कीमत भी पिछले एक महीने में 45 रुपये का उछाल आया है. पटना में 22 अप्रैल को सरसों के पैक तेल की कीमत 155 रुपये थी तो दिल्ली में 160, जबकि साहिबगंज में 209 रुपये लीटर. वहीं जयपुर में 155 तो मुंबई में 169 और नासिक में यह 194 रुपये लीटर तक पहुंच गया है.
क्यों बढ़ रहे हैं दाम
सरसों की पेराई करने वाले व्यवसायी संदीप जायसवाल बताते हैं हैं कि एक हफ्ते पहले जो सरसों दाना 6500 रुपये क्विंटल था वह आज 8000 रुपये के पार चला गया है. संदीप बताते हैं कि अभी होली पर सरसों तेल 120 रुपये लीटर बिका और आज के डेट में 175 रुपये बेचना पड़ रहा है.
सोयाबीन से सस्ता है सरसों, मूंगफली, बिनौला
इस समय हालात यह है कि सरसों, मूंगफली, बिनौला के दाम सोयाबीन के मुकाबले कम है. वहीं कच्चा पाम तेल भी लगातार मजबूती में बना हुआ है. सरसों तेल (दादरी) का मिल डिलीवरी भाव 300 रुपये बढ़कर 15,000 रुपये हो गया वहीं सोयाबीन तेल, दिल्ली में 150 रुपये बढ़कर 15,500 रुपये क्विंटल पर बोला गया. कांडला बंदरगाह पर सोयाबीन डीगम का भाव 450 रुपये बढ़कर 14,500 रुपये क्विंटल बताया गया. माल की तंगी से बिनौला तेल हरियाणा 100 रुपये बढ़कर 14,900 रुपये क्विंटल पर पहुंच गया. जबकि रिफाइंड पामोलिन तेल 100 रुपये बढ़कर 14,100 रुपये क्विंटल हो गया.
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