सऊदी अरब से तेल पर तकरार, भारत एक तिहाई कम करेगा भारत, दबाव बढ़ाने बनाई रणनीति

सऊदी अरब से तेल पर तकरार, भारत एक तिहाई कम करेगा आयात, दबाव बढ़ाने बनाई रणनीति

प्रेषित समय :19:52:12 PM / Fri, Apr 2nd, 2021

नई दिल्ली. भारत ने सऊदी अरब से कच्चे तेल के आयात की निर्भरता कम करने की रणनीति बनाई है. दरअसल सऊदी अरब व अन्य तेल संपन्न देशों ने उत्पादन में कटौती की है, इस कारण पेट्रोलियम पदार्थ महंगे हो गए हैं. भारत उनसे लगातार उत्पादन बढ़ाने का आग्रह कर रहा है, लेकिन वे रजामंद नहीं हैं. ऐसे में भारत ने अपनी तेल कंपनियों को सऊदी अरब से आयात पर निर्भरता कम करने और वैकल्पिक प्रबंध करने को कहा है. 

अनुकूल शर्तों के लिए वार्ता करें

केंद्र सरकार ने देश की सरकारी तेल कंपनियों से कहा है कि वे इस पश्चिम एशियाई देश से कच्चे तेल की खरीद के करार की समीक्षा करें और अपने अनुकूल शर्तों के लिए वार्ता करें. भारत ने यह रणनीति कच्चे तेल के उत्पादकों के गठजोड़ को तोडऩे तथा कीमतों और अनुबंधों की शर्तों को अनुकूल करने के लिए अपनाई है. 

पश्चिम एशिया से कम खरीदी करें

पेट्रोलियम मंत्रालय ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (एचपीसीएल) से कहा है कि वे पश्चिम एशिया के तेल उत्पादक देशों के अलावा दूसरे देशों से कच्चे तेल की खरीदी का प्रयास करें. 

ओपेक अप्रैल में भी नहीं बढ़ाएगा उत्पादन

तेल निर्यातक देशों के संगठन व बड़े तेल उत्पादक देशों यानी ओपेक ने अप्रैल में भी कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती जारी रखने का निर्णय लिया है. ऐसे में भारत ने सऊदी अरब व अन्य पश्चिम एशियाई देशों से तेल आयात कम करने का रणनीतिक फैसला किया है.

 मई में सऊदी अरब से एक तिहाई कम खरीदेंगे 

भारत की तेल कंपनियां सरकार की रणनीति के तहत सऊदी अरब से मई में एक करोड़ बैरल से कुछ अधिक ही कच्चा तेल खरीदेंगी, जबकि औसत रूप से करीब डेढ़ करोड़ टन तेल हर माह यहां से लिया जाता है. पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर ने कहा कि तेल कंपनियों को सामूहिक रूप से बेहतर सौदेबाजी करने को कहा गया है. हालांकि सऊदी अरब से आयात कम करने के सवाल पर वे मौन साध गए. 

भारत के आग्रह को किया नजरअंदाज

भारत अपनी कच्चे तेल की 85 प्रतिशत जरूरत आयात से पूरा करता है. वैश्विक स्तर पर आपूर्ति तथा कीमतों में उतार-चढ़ाव का भारत पर भी असर पड़ता है. फरवरी में कच्चे तेल के दाम फिर बढऩे शुरू हुए थे. उस समय भारत ने सऊदी अरब से उत्पादन पर अंकुश कम करने का आग्रह किया था, लेकिन उसने भारत के आग्रह को नजरअंदाज कर दिया था. उसी के बाद भारत अपनी आपूर्ति के विविधीकरण कर प्रयास कर रहा है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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