पल-पल इंडिया (व्हाट्सएप-7597335007). केन्द्र-राज्य सरकारी हिस्सेदारी में जिस तरह के बदलाव हो रहे हैं और इसके कारण राज्यों को जो नुकसान हो रहा है, उसे लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है, उनका कहना है कि- एक तरफ प्रधानमंत्री सहकारी संघवाद की बात करते हैं, दूसरी तरफ राज्यों को आर्थिक रूप से कमजोर किया जा रहा है.
केन्द्र से जीएसटी में राज्य को पूरा हिस्सा भी नहीं मिल रहा है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सभी विपक्षी दलों को जो पत्र लिखा है और केंद्र द्वारा राज्यों के फंड रोक देने को लेकर जो बात की है, इसी को लेकर मैंने पहले असेम्ब्ली में ये मामला उठाया था कि किस प्रकार केंद्र सरकार राज्यों के साथ में सौतेला व्यवहार कर रही है.
सीएम गहलोत का कहना है कि- केन्द्र सरकार ने बजट में पेट्रोल एवं डीजल पर सैस लगाया है और बेसिक एक्साइज डयूटी को लगातार कम किया जा रहा है, लेकिन स्पेशल एक्साइज ड्यूटी और एडिशनल एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई जा रही है. इसके कारण डिविजिएबल पूल के रूप में राज्यों को मिलने वाला हिस्सा काफी घट गया है.
अधिकतर केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में भी राज्य का हिस्सा बढ़ाते हुए केन्द्र के अंश को कम किया गया है. इन सबका प्रतिकूल असर राज्यों के राजस्व पर हो रहा है.
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने सोनिया गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएसआर जगन मोहन रेड्डी, फारुक अब्दुल्ला, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखी है, जिसमें कुछ खास मुद्दों को उठाया है, एक- गैर-भाजपाई राज्यों में संवैधानिक मुश्किलें खड़ी की जा रही हैं, दो- गैरभाजपाई दलों को तोड़ने की कोशिश की जा रही है, तीन- सीबीआई, ईडी आदि संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है, चार- मोदी सरकार उन राज्यों के संवैधानिक अधिकार छीन रही है, जहां बीजेपी की सरकारें नहीं हैं और पांच- गैर-भाजपाई दलों और सरकारों से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ एकजुट होना चाहिए!
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Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-केन्द्र सरकार ने बजट में पेट्रोल एवं डीजल पर सैस लगाया है और बेसिक एक्साइज डयूटी को लगातार कम किया जा रहा है, लेकिन स्पेशल एक्साइज ड्यूटी और एडिशनल एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई जा रही है। इसके कारण डिविजिएबल पूल के रूप में राज्यों को मिलने वाला हिस्सा काफी घट गया है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 1, 2021
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