मुंबई. महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर जून तक स्थितियां सामान्य हो सकती हैं. बशर्ते कि टीकाकरण बिना किसी बाधा के जारी रहे और कोविड का कोई नया वेरिएंट ना आ जाए.
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के वैज्ञानिकों की एक टीम ने अपने विश्लेषण में यह दावा किया है. मुंबई में दूसरी कोविड लहर के कारणों का बारीकी से विश्लेषण करने वाले गणितीय मॉडल ने भी भविष्यवाणी की है कि मई के पहले सप्ताह में कोविड से होने वाली मौतों का पीक आ सकता है, लेकिन शहर में स्कूलों को खोलने की स्थिति 1 जुलाई तक आएगी.
दावा गया कि फरवरी में महाराष्ट्र राज्य में वायरस का एक ही वैरिएंट था, लेकिन स्थानीय ट्रेन सेवाओं के फिर से शुरू होने के बाद ही वायरस को फैलने का वातावरण मिला, जिसके चलते दूसरी लहर की शुरुआत हुई.
जानकारी के अनुसार अनुसार विश्लेषण में फरवरी के आसपास अर्थव्यवस्था के खुलने को भी कोविड संक्रमण के फैलने की वजह बना. विश्लेषण में कहा गया है कि 1 फरवरी के आसपास संक्रमण का अप्रभावी वेरिएंट बहुत कम स्तर पर फैला था, लेकिन मार्च के मध्य तक स्थितियां गंभीर हो गई.
पिछले साल पाए गए स्ट्रेन की तुलना में मौजूदा वैरिएंट्स 2 से 2.5 गुना अधिक संक्रामक है जो 1 फरवरी तक संक्रमित आबादी के 2.5 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है. स्टडी में पाया गया कि कि उपरोक्त आंकड़े गलत हो सकते हैं, लेकिन मुंबई में अत्यधिक संक्रमण के लिए मार्च में किसी नए वेरिएंट का पाया जाने का दावा सच हो सकता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-CBI ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर दर्ज की FIR, 10 से अधिक जगहों पर छापेमारी
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