सिबसागर (असम). संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) विरोधी कार्यकर्ता अखिल गोगोई असम में जेल से विधानसभा का चुनाव जीतने वाले पहले व्यक्ति बन गए हैं. उन्होंने सिबसागर सीट से बीजेपी की अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी सुरभि राजकोनवारी को 11,875 मतों से शिकस्त दी है.
नव गठित रायजोर दल के संस्थापक दिसंबर 2019 से राजद्रोह के आरोप में जेल में बंद हैं. निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़े अखिल गोगोई को 57,219 वोट मिले जो 46.06 प्रतिशत मत हैं. कांग्रेस ने शुरू में तो रायजोर दल के प्रमुख का समर्थन किया, लेकिन बाद में सुभ्रमित्रा गोगोई को टिकट दे दिया, जो तीसरे स्थान पर रही.
गोगोई की 85 वर्षीय मां ने किया प्रचार
आरटीआई कार्यकर्ता ने राज्य के लोगों तक पहुंचने की कोशिश में जेल से कई खुले पत्र लिखे हैं और उन समस्याओं को रेखांकित किया, जिनको दुरुस्त किया जाना जरूरी है. उनकी 85 वर्षीय बुजुर्ग मां ने अपने जेल में बंद बेटे के लिए सिबसागर की संकरी गलियों में प्रचार किया, जिसका शायद मतदाताओं पर असर हुआ.
प्रियदा गोगोई की दृढ़ता से प्रभावित होकर जानी-मानी सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर और संदीप पांडे ऊपरी असम के शहर पहुंचे और अखिल गोगोई की मां के साथ प्रचार में शामिल हुए. रायजोर दल के सैकड़ों युवा स्वयंसेवकों ने मतदाताओं को रिझाने के लिए घर-घर जाकर प्रचार किया. बीजेपी ने राजकोनवारी के समर्थन में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी जैसे वरिष्ठ नेताओं को उतारा, जिन्होंने निर्वाचन क्षेत्र में लोगों को संबोधित किया, लेकिन अंत में अखिल गोगोई विजेता बने.
2019 में गिरफ्तार हुए थे गोगोई
गुवाहाटी के कॉटन कॉलेज से स्नातक करने वाले 46 वर्षीय अखिल गोगोई के लिए चुनावी राजनीति नई नहीं है. वह 1995-96 में कॉटन कॉलेज छात्र संघ के महासचिव रह चुके हैं. राष्ट्रीय अभिकरण एजेंसी (एनआईए) ने राज्य में हिंसक सीएए विरोधी प्रदर्शनों में कथित संलिप्तता के मामले में 2019 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.
राजनीतिक विश्लेषक अतीक-उर-रहमान बारभुइयां ने कहा कि अखिल गोगोई की जीत ऐतिहासिक है क्योंकि वह पूर्व केंद्रीय मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस के बाद एक मात्र राजनीतिक कैदी हैं, जिन्होंने ऐसा कर के दिखाया है. फर्नांडिस ने 1977 का लोकसभा चुनाव बिहार की मुजफ्फरपुर सीट से लड़ा था और तीन लाख से अधिक वोटों से जीते थे. रायजोर दल के प्रतिष्ठित सदस्य अदालत का रुख कर अनुरोध करेंगे कि अखिल गोगोई के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने की व्यवस्था की जाए.
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