अभिमनोज. पल-पल इंडिया ने बहुत पहले लिख दिया था कि किसान आंदोलन कामयाब हो चुका है, ताजा विभिन्न चुनाव परिणामों ने इसे साबित भी कर दिया है.
खबरें हैं कि मेरठ सहित पश्चिम उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन का पंचायत चुनाव में साफ असर नजर आ रहा है. बीजेपी उम्मीदवारों को हार नसीब हो रही है, तो रालोद को नई ताकत मिल रही है. यही नहीं, सपा, बसपा को भी इसका फायदा हो रहा है. पल-पल इंडिया की 11 अप्रैल 2021 की रिपोर्ट.... क्या किसान आंदोलन खत्म हो रहा है? में लिखा गया था कि किसान आंदोलन लंबे समय से चल रहा है, लेकिन बीच-बीच में खबरें आती रहती हैं कि किसान आंदोलन ठंडा पड़ रहा है, किसान आंदोलन खत्म हो रहा है, लेकिन क्या यह सच है?
हकीकत यह है कि किसान आंदोलन कामयाब हो चुका है, उसका मकसद पूरा हो गया है कि- आम किसान यह जान गया है कि मोदी सरकार के तीन कृषि कानून उनके हित में नहीं हैं, इसका फायदा केवल उद्योगपति मित्रों को होगा, लिहाजा अब इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आंदोलन में कितने किसान हैं, कितने आ रहे हैं, कितने जा रहे हैं.
किसान आंदोलन तो किसानों के दिलों में बस गया है, चाहे किसान दिल्ली सीमा पर बैठा है, चाहे खेत में काम कर रहा है, चाहे घर पर है.
इसलिए, यह मान लेना कि किसान आंदोलन खत्म हो रहा है, सरकार की बड़ी भूल साबित होगी और यकीनन समय आने पर इसके परिणाम भी सामने आएंगे.
अब खबरें हैं कि मेरठ में मवाना-हस्तिनापुर, दौराला में बीजेपी का खाता भी नहीं खुला, तो दूसरे क्षेत्रों में भी कांटे की टक्कर है.
विभिन्न चुनाव परिणामों के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा- जब सत्ता अहंकारी, निरंकुश और पूंजीपतियों की वफादार हो जाये, तो जनता के पास वोट की चोट की ताकत ही सत्ता को सबक सिखाती है. बंगाल के सम्मानित मतदाताओं का आभार ममता जी को जीत की हार्दिक बधाई.
यही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि- चुनाव परिणाम किसानों की नैतिक जीत. तीनों कृषि कानून रद्द करें भारत सरकार अन्यथा संघर्ष और तेज होगा!
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-यहां पर कर्ज में डूबे किसान ने पत्नी और दो बेटियों को जहर देकर आत्महत्या की
सरकार किसानों के सबसे बड़े आंदोलन को कुचलने के लिए अपना रही है सभी हथकंडे: राकेश टिकैत
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