नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सबसे बड़ी तिहाड़ जेल में 190 कैदियों के कोरोना संक्रमित होने और दो कैदियों की कोरोना से मौत होने की खबर के बाद जेलों में कोरोना को लेकर पैदा हुए हालात पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. जेलों में कोरोना के संक्रमण मिलने की खबर के बाद अब सुप्रीम कोर्ट कैदियों को ज़मानत पर रिहा करने पर विचार कर रहा है. कोर्ट ने कहा है कि इस पर आदेश जल्द पारित किया जाएगा. पिछली बार भी कुछ खास कैटेगरी के कैदियों को सुप्रीम कोर्ट ने ज़मानत पर रिहा किया था.
आज हुई सुनवाई में CJI एन वी रमना ने कहा कि मौजूदा हालात बहुत खतरनाक हैं. कोरोना की दूसरी लहर पिछली बार से भी ज्यादा परेशान करने वाली है. पिछली बार दाखिल हुई याचिकाओं पर फिर से विचार करने की ज़रूरत है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 23 मार्च, 2020, को हाई पावर कमेटी का गठन करने का निर्देश दिया था. कमेटी ने कैदियों को रिहा करने का दिशा-निर्देश बनाया था.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक बार फिर कमेटी का गठन किया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि जेलों के भीड़-भाड़ के कारण स्थिति बहुत बुरी है. 90% कैदी जिनको पिछली बार रिहा किया गया था, वह वापस आ गए हैं, ज़्यादातर जेल कैदियों से भरे पड़ी हैं. वरिष्ठ वकील कॉलिन गोन्साल्व ने सुझाव देते हुए कहा कि जिन कैदियों को जमानत पर रिहा किया गया था और वह वापस जेल आए, उनको वापस नियमित जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण किया खत्म, कहा- 50% की सीमा तोड़ना समानता के खिलाफ
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