इस्लामाबाद. खस्ताहाल पाकिस्तान का उसके रहनुमा चीन ने भी साथ छोड़ दिया है. पाकिस्तान की महत्वाकांक्षी मेनलाइन-1 रेलवे परियोजना के लिए छह अरब डालर (करीब 45 हजार करोड़ रुपये) का कर्ज देने से चीन पीछे हट गया है. पाकिस्तान की जर्जर हालत में कर्ज की अदायगी न होने की स्थिति को देखते हुए उसने अपना इरादा बदला.
कोरोना महामारी के बाद चीन ने पाकिस्तान में चल रही कई परियोजनाओं की अब दोबारा समीक्षा करना शुरू कर दिया है. चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कारीडोर (सीपीईसी) के तहत चल रही योजनाओं में रेलवे की परियोजना एमएल-1 भी है. इस योजना में चीन ने पाकिस्तान को 6 अरब डालर का ऋण देने की सहमति दी थी. पिछले दिनों इसके प्रस्ताव पर दोनों देशों के बीच समझौता भी हुआ था. पाकिस्तान ने ऋणा के लिए सभी औपचारिकता पूरी कर दी थीं. यह योजना पूर्व में 9 अरब डालर की थी. जिसे बाद में घटाकर 6.9 अरब डालर का कर दिया गया था.
बीजिंग ने इस ऋण को लेकर 30 मार्च को अपने संबंधित विभागों के साथ बैठक की थी. जिसमें पाकिस्तान की खस्ता हालत को देखते हुए माना गया था कि इस ऋण की अदायगी में मुश्किल होगी. पाकिस्तान के अधिकारियों के अनुसार चीन ने इस परियोजना को लेकर अपनी चिंता से अवगत करा दिया है. माना जा रहा है कि पाकिस्तान इस ऋण की अदायगी के लिए कोई ठोस प्रस्ताव चीन को नहीं दे सका है. ज्ञात हो कि इस परियोजना में पेशावर से कराची तक रेल लाइन बिछाने का कार्य किया जाना था. यह परियोजना पाक के चार राज्यों से गुजरेगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जाने-माने कवि डॉ कुंवर बेचैन का कोरोना से निधन, डॉ कुमार विश्वास ने ट्वीट कर दी जानकारी
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