निजी अस्पतालों पर टेढ़ी नजर, वित्त मंत्रालय ने आईटी से नजर रखने कहा, नगद लेन-देन है कारण

निजी अस्पतालों पर टेढ़ी नजर, वित्त मंत्रालय ने आईटी से नजर रखने कहा, नगद लेन-देन है कारण

प्रेषित समय :21:01:33 PM / Tue, May 11th, 2021

नई दिल्ली. वित्त मंत्रालय ने आयकर अधिकारियों से उन निजी अस्पतालों, नर्सिंग होमों पर नजर रखने को कहा है जहां नकद भुगतान लेकर कोविड-19 का उपचार किया जा रहा है. इस कदम का मकसद कर चोरी रोकना है. मंत्रालय ने कर अधिकारियों से कहा है कि बेहिसाब नकदी मिले तो संबंधित अस्पतालों पर भारी जुर्माना लगाया जाए और उनके खिलाफ धनशोधन निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाए.

मंत्रालय ने निजी अस्पतालों द्वारा नकद भुगतान लिए जाने और उसे बहीखातों में नहीं चढ़ाए जाने पर चिंता जताई थी. उसके बाद ही ये निर्देश दिए गए हैं. मामले से वाकिफ एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमें ऐसे कई मामले पतात चले हैं, जहां निजी अस्पतालों ने मरीजों के परिजनों से भारी रकम नकद मांगी मगर उन्हें बहुत कम रकम का बिल दिया. जब मरीज के परिजनों ने सही इलाज नहीं मिलने के कारण उसे दूसरे अस्पताल में ले जाने की कोशिश की तो वे अस्पताल से रकम का दावा नहीं कर पाए.

बताया जाता है कि मंत्रालय ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से कहा है कि पहले चरण में ऐसे 20 फीसदी निजी अस्पतालों को चिह्नित किया जाए, जिन पर अघोषित नकदी लेने का संदेह हो. इस बात की जांच की जाए कि मरीजों से उन्होंने कितनी घोषित और अघोषित नकदी ली है और इस बारे में उनसे जवाब भी तलब किया जाए.

आयकर विभाग से यह भी कहा गया है कि वे प्रत्येक निजी अस्पताल को कर विभाग के समक्ष समुचित खुलासा करने को कहें, जिसमें बताया जाए कि उन्हें कितनी नकदी मिली है, किस मरीज से मिली है और वह नकदी किस बैंक में जमा की गई है. इसका पूरा ब्योरा अस्पताल से मांगा जाए. अगर कोई अस्पताल नियम का बार-बार उल्लंघन करता मिले तो उसके खिलाफ धनशोधन निरोधक अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए और कर चोरी का मामला दर्ज किया जाएगा.

सूत्रों ने कहा कि देश भर से कर विभाग के पास अस्पतालों के खिलाफ शिकायतें आ रही हैं कि उन्होंने मरीजों के परिजनों से धोखाधड़ी कर रहे हैं और ज्यादा से ज्यादा रकम नकद ही मांग रहे हैं. इनमें बड़े अस्पताल भी शामिल हैं.

इस समस्या के समाधान के लिए सीबीडीटी ने शुक्रवार को एक परिपत्र जारी किया ताकि अस्पताल मरीजों का शोषण नहीं कर सकें. इसमें कहा गया है कि अस्पताल को अब प्राप्त नकदी का खुलासा करना होगा, जिसकी पुष्टि आयकर विभाग मरीज और उसके परिजनों से कर सकता है. एक सरकारी सूत्र ने अस्पतालों को 2 लाख और उससे अधिक नकद जमा करने की इजाजत देने के सीबीडीटी के कदम की तारीफ की, मगर यह भी कहा कि इन अस्पतालों पर लगाम कसने के लिए कड़े उपाय भी उठाने होंगे.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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