कोटा/जबलपुर. पश्चिम मध्य रेलवे का कोटा देश में ऐसा स्टेशन था, जहां पर रेल प्रशासन ने टिकट चैकिंग स्टाफ से कार पार्किंग का काम कराने का आदेश दिया था, इस बात की जानकारी जैसे ही वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) के महामंत्री मुकेश गालव को लगी तो उन्होंने तत्काल इसका पुरजोर विरोध जताया, जिसके बाद कार पार्किंग कराने का आदेश कोटा मंडल रेल प्रशासन ने वापस ले लिया है. साथ ही टिकट चैकिंग स्टाफ की अन्य मांगों को भी मंजूर किया गया.
वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाईज यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव ने बताया कि कोटा के टिकिट चैकिंग स्टाफ को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनको कार्य करने में काफी परेशानी हो रही है. रेल प्रशासन के आदेश हैं कि टीटीई को कार पार्किंग में कार्य करना पड़ेगा. ऐसी कई समस्याओं के निराकरण के संबंध में श्री गालव के नेतृत्व में टिकिट चैकिंग स्टाफ वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक से मिले तथा रेलकर्मचारियों की समस्याओं से अवगत कराया कि कोरोना काल में टिकिट चैकिंग स्टाफ पर टारगेट का दबाव बनाया जा रहा है, कार्यस्थल पर सेनेटाईजेशन की कोई व्यवस्था नहीं है, किसी भी कर्मचारी मास्क, सेनेटाईजर, फेस शील्ड की आपूर्ति अभी तक भी नहीं की गई है, रेस्ट हाउस की हालत दयनीय है. इन सभी समस्याओं का ज्ञापन वरि.मंडल वाणिज्य प्रबंधक को दिया.
इस पर वरि.मंडल वाणिज्य प्रबंधक ने कार पार्किंग के कार्य से टिकट चैकिंग स्टॉफ को तुरंत हटाने की स्वीकृति प्रदान की, टिकट चैकिंग कर्मचारियों पर कोरोनाकाल में किसी भी प्रकार के टारगेट का कोई दवाब नहीं रहेगा. अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि पूर्व में भी 2500 प्रतिदिन प्रति कर्मचारी के टारगेट का कोई निर्देश उनके द्वारा नहीं दिया गया था, रेस्ट हाउसों की व्यवस्थाओं को सुधारा जाएगा, शीघ्र ही सेनिटाइजेशन किट्स का वितरण किया जाएगा साथ ही कार्यस्थलों के सेनिटाइजेशन पर भी कार्यवाही की जाएगी. इस प्रकार के आदेशों से कोटा मंडल के टिकिट चेकिंग स्टाफ में खुशी की लहर दौड़ पड़ी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कोटा में कूड़ा गाड़ी के जरिए सांप्रदायिक ऑडियो चलाने के आरोप में दो गिरफ्तार
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