कोटा/जबलपुर. पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल अंतर्गत कोटा और डकनीया तालाब स्टेशन के बीच सोमवार 3 मई को अंडर ब्रिज निर्माण के दौरान मिट्टी धंसकने से एक ट्रेकमैन वसीम की मौत हो गई, जबकि दो कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गये. इस घटना पर वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) ने दुख जताते हुए घटना को संबंधित अधिकारियों की लापरवाही से होना बताते हुए जेएजी अफसरों की टीम की बजाय मुख्य सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) से जांच कराने की मांग करते हुए पमरे के महाप्रबंधक को इस संबंध में पत्र भी लिखा है.
डबलूसीआरईयू के महामंत्री मुकेश गालव ने पमरे के जीएम को लिखे पत्र में कहा गया है कि 3 मई को पमरे के कोटा मंडल अंतर्गत कोटा और डाकनिया तालाब के मध्य किमी नंबर 914/17-19 और 914/18-20 के मध्य आरयूबी (रोड अंडर ब्रिज) यूआईटी द्वारा प्रस्तावित था, जिसे रेलवे द््वारा ठेकेदार के माध्यम से निर्माण किया जा रहा था. इस दौरान रेलवे के विभागीय कर्मचारियों ट्रेकमैन और खलासी को सीसी, सीआरआईबी लगाने हेतु 20 फीट नीचे उतर कर लगाने के निर्देश मौके पर मौजूद इंजीनियर्स ने दिये.
ट्रेकमैन साहबों से गुहार लगाता रहा मिट्टी धंस जायेगी, खतरा है
श्री गालव ने जीएम को लिखे पत्र में कहा कि 20 फीट नीचे उतर कर काम करने के लिए अफसरों द्वार दिये गये आदेश पर ट्रेकमैन व खलासी ने साहबों से गुहार भी लगाई कि मिट्टी धंस सकती है, वहां जाकर काम करना खतरनाक है, लेकिन उसकी नहीं सुनी औैर हादसा हो गया. घटना के दौरान मौके पर 3-5 पीडबलूआई, एडीईएन-आरएमए और सीनियर डीईएन (एस) केटीटी मौके पर मौजूद थे. इसी दौरान मिट्टी धंस गई और ट्रेकमैन की मृत्यु हो गई.
सुरक्षा-संरक्षा का घनघोर उल्लंघन करके काम कराया जा रहा
डबलूसीआरईयू महामंत्री मुकेश गालव ने महाप्रबंधक को पत्र के माध्यम से बताया कि मौके पर पूरी तरह से सुरक्षा व संरक्षा का उल्लंघन करके काम कराया जा रहा था. कर्मचारियों द्वारा बार-बार कहने के बावजूद सुरक्षा के कोई उपाय नहीं किये गये थे. जिससे स्पष्ट है कि संबंधित अफसरों को सिर्फ काम कराने से मतलब, उन्हें कर्मचारियों की सुरक्षा व जान की कोई परवाह नहीं रही.
कर्मचारियों को आशंका, सही जांच नहीं होगी, सीआरएस करें जांच
श्री गालव ने कहा कि कर्मचारियों को अखबारों के माध्यम से पता चला है कि इस घटना की जांच के लिए जेएजी स्तर के अधिकारियों की जांच कमेटी गठित की है. इस पर ट्रेकमैन- कर्मचारियों ने यूनियन को अवगत कराया है कि हमेशा की तरह चतुर्थ, तृतीय श्रेणी कर्मचारियों पर लीपापोती कर गाज गिर जायेगी. इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो, जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो, इसलिए इस घटना की जांच मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त से कराई जानी चाहिए, जिससे कर्मचारी वसीम की तरह और कोई कर्मचारी, प्रशासनिक लापरवाही की बलि चढ़कर शहीद नहीं हो. साथ ही जब सम्पूर्ण कार्य ठेकेदार का था तो विभागीय कर्मचारियों को क्यों लगाया गया था, यह भी जांच का विषय है, इसकी भी सतर्कता विभाग द्वारा जांच की जानी चाहिए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कोटा में कूड़ा गाड़ी के जरिए सांप्रदायिक ऑडियो चलाने के आरोप में दो गिरफ्तार
पमरे के कोटा में अंडरब्रिज के पास खुदाई के दौरान हादसा, 4 मजदूर दबे, 1 की मौत
राजस्थान के कोटा में पोते को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए बुजुर्ग दंपति ट्रेन के सामने कूदे, मौत
Leave a Reply