जबलपुर. मध्य प्रदेश में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों पर रासुका की कार्रवाई भी खौफ नहीं पैदा कर पा रही है. ऐसा ही एक और मामला जबलपुर के तैयब अली चौक स्थित इंफिनिटी अस्पताल का डॉक्टर नरेंद्र सिंह और उसके दो सहयोगियों के पास से दो रेमडेसिविर इंजेक्शन पुलिस ने जब्त किए हैं.
क्राइम ब्रांच और ओमती पुलिस ने गुरुवार सुबह इनफिनिटी हार्ट इंस्टिट्यूट के असिस्टेंट डॉक्टर नरेंद्र सिंह ठाकुर निवासी किंदराहो पथरिया जिला दमोह हाल निवासी आमनपुर मदनमहल और सहयोगी राम अवतार पटेल निवासी ग्राम खिरवा खुर्द विजय राघवगढ, थाना कैमोर जिला कटनी हाल निवासी आगा चौक साई होटल के बाजू वाली गली लार्डगंज और संदीप कुमार प्रजापति निवासी बघराजी कुण्डम हाल निवासी कोठारी मेडिकल के पास कोतवाली को गिरफ्तार किया. आरोपियों की तलाशी में नरेंद्र सिंह ठाकुर की जेब से हेटेरो कंपनी के दो रेमडेसिविर इंजेक्शन (6980 रुपए), अन्य आरोपियों से पांच मोबाइल, स्टेथेस्कोप, एक ऑक्सीमीटर, दो फाइलें जब्त किए.
9 मई को हो गया था गायब
दरअसल रेमडेसिविर इंजेक्शन का मामला सामने आने के बाद 9 मई को वह अस्पताल में अपना फोन चार्ज पर लगाकर अचानक गायब हो गया था. उसने अस्पताल की नर्स ज्योति काछी को मोबाइल का ख्याल रखने का बोलकर निकला था. हॉस्पिटल में मोबाइल छोड़कर गायब हुए डॉक्टर नरेंद्र ने सोमवार को इंफिनटी अस्पताल की नर्स ज्योति काछी को दूसरे नंबर से कॉल किया था. उसने अपना मोबाइल दवा दुकान में रखवाने के लिए बोला था, पर ज्योति मरीजों में व्यस्तता के चलते ऐसा नहीं कर पाई.
अस्पताल के पास से गिरफ्तार
क्राइम ब्रांच ने गुरुवार को नरेंद्र और उसके दोनों सहयोगियों को दबोच लिया. आरोपी 12-12 हजार रुपए में दो इंजेक्शन बेचने का सौदा कर रहे थे. पूछताछ में पता चला है कि वह इंजेक्शन खरीद कर दूसरे को 12 से 15 हजार रुपए में बेचता था.
तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
बिना वैध लायसेंस और दस्तावेज के रेमडेसिविर इंजेक्शन मरीजों को बेचना जिला दंडाधिकारी के आदेश का उल्लंघन है. इस तरह लोगों के साथ धोखाधड़ी करते हुए जीवन रक्षक दवा को महंगे कीमत पर बेचने को लेकर आरोपियों के खिलाफ ओमती पुलिस ने धारा 188, 420, भादवि एवं 3 महामारी अधिनियम तथा 3, 7 आवश्यक वस्तु अधिनियम का प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया है. आरोपियों के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई की भी तैयारी है.
अल्टरनेटिव कोर्स से बना डॉक्टर
एचआर इंफिनिटी हार्ट इंस्टीट्यूट प्रमोद सिंह ठाकुर ने ओमती पुलिस को बताया कि नरेंद्र सिंह ने बीएससी नर्सिंग के बाद बैचरल ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन एंड सर्जरी की डिग्री की थी. इसके आधार पर वह दवा लिख सकता है. हालांकि हेल्थ विभाग इसे मान्यता नहीं देता है. नरेंद्र कालीमठ के पास संचालित दवा दुकान पर भी बैठता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर से सीएम शिवराजसिंह चौहान के जाते ही गैलेक्सी अस्पताल पर मेहरबान हो गया जिला प्रशासन
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