एमपी के जबलपुर में 25 लाख रुपए का चंदा काम कर गया, बच गए गैलेक्सी अस्पताल के डायरेक्टर, मैनेजर-आपरेटर पर एफआईआर

एमपी के जबलपुर में 25 लाख रुपए का चंदा काम कर गया, बच गए गैलेक्सी अस्पताल के डायरेक्टर, मैनेजर-आपरेटर पर एफआईआर

प्रेषित समय :21:34:28 PM / Sat, May 15th, 2021

पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के जबलपुर में गैलेक्सी अस्पताल में आक्सीजन की कमी से हुई पांच मौत का सौदा 25 लाख रुपए में पहले ही कर लिया गया था, इसके बाद जांच कार्यवाही का ढोंग किया गया, इसके बाद मामला शांत होते ही धीरे से अस्पताल के मैनेजर व आपरेटर को आरोपी बनाकर अस्पताल के डायरेक्टरों को क्लीन चिट दे दी गई. इस मामले को लेकर अब जनचर्चा यही है कि अंतत: पांच रुपए का चंदा काम कर गया.

                             बताया गया है कि जबलपुर के उखरी रोड स्थित गैलेक्सी अस्पताल में 22 अप्रेल को आक्सीजन की कमी होने से 5 मरीजों की मौत हो गई थी, इस मामले में जब हल्ला मचा तो जांच कमेटी बना दी गई, कहा गया कि रिपोर्ट आने पर कार्यवाही की जाएगी, इस बीच मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान जबलपुर आए तो एक दिन पहले ही रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी गई, एफआईआर के निर्देश सीएमएचओ ने दे दिए, सीएम आए तो उनके सामने कार्यवाही करने का संदेश देकर शाबासी प्राप्त कर ली, उनके जाने के बाद फिर  मामले को किनारे कर दिया गया, लार्डगंज पुलिस ने प्रकरण में गैलेक्सी अस्पताल के मैनेजर संदीप और ऑक्सीजन सप्लाई ऑपरेटर के खिलाफ धारा 304ए 285ए 287 का केस दर्ज किया गया है. दोनों नामजद आरोपी की तलाश में पुलिस जुटी है. वहीं डायरेक्टरों को मामले में क्लीन चिट दे दी गई है, इस मामले में दो कर्मचारियों पर प्रकरण दर्ज किए जाने के बाद फिर चर्चाओं का माहौल बन गया है, लोगों को यही कहते सुना जा रहा है कि अस्पताल प्रबंधन से पहले ही रेसक्रास सोसायटी को 25 लाख रुपए दान दिलाकर पांच लोगों की मौत का सौदा कर लिया गया था, ऐसा तो होना ही था. आमआदमी की जिंदगी को इतना सस्ता कर दिया गया. उन लोगों का क्या होगा, जिनके घरों के चिराग बुझ गए, जिनके घर का सहारा छिन गया, खैर जो भी अब जबलपुर के वे विधायक क्या करेगें जिन्होने मामले में निष्पक्ष जांच कराने की मांग की थी.

कहीं नकली रेमडेसिविर मामले में भी ऐसा कुछ न हो-

गैलेक्सी अस्पताल मामले में अस्पताल के मैनेजर व आपरेटर पर प्रकरण दर्ज किए जाने की बात सामने आने के बाद अब आमजन के बीच यह चर्चा भी शुरु हो गई है कि कहीं ऐसा ही कुछ सिटी अस्पताल के  मामले में भी न हो, आगे चलकर मामले की जांच के नाम पर लीपापोती हो और बाद में अस्पताल का डायरेक्टर सरबजीतसिंह मोखा को भी क्लीन चिट दे दी जाए, उसके कर्मचारियों के नाम सामने आ जाए, हालांकि अभी तो एसआईटी जांच कर बयान दर्ज कर दी है, इस मामले में आरोपी देवेश चौरसिया से पूछताछ में विजय नगर के दवा कारोबारी साई सल्ले का नाम सामने आया है, साई ने ही सुनील मिश्रा का नम्बर देवेश को दिया था, वहीं पुलिस दूसरी ओर अस्पताल की मैनेजर व मोखा क ी खास सोनिया खत्री व अभिषेक चक्रवर्ती से भी पूछताछ कर रही है, यहां तक कि अस्पताल से भी कई दस्तावेज बरामद किए है. 
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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