जबलपुर. पश्चिम मध्य रेल प्रशासन तीनों रेल मंडलों जबलपुर, कोटा और भोपाल में अपने अफसरों की सुरक्षा व्यवस्था निजी हाथों में सौंपने जा रहा है. इसकी शुरुआत जबलपुर स्थित अफसरों की सबसे बड़ी कालोनी रेल सौरभ से होने जा रही है. जहां की हाईटेक सुरक्षा व्यवस्था निजी कंपनी को सौंपने जा रहा है और इस व्यवस्था में जो भी खर्चा आयेगा, उसे रेलवे अपने रेवेन्यू से भुगतान करेगा. जिस पर डबलूसीआरईयू ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि जिस प्रकार अफसरों की इस कालोनी के लिए सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है, ठीक उसी तरह सभी रेल कालोनियों में भी व्यवस्था की जाए, इस मामले में अफसरों और कर्मचारियों के बीच भेदभाव नहीं होना चाहिए.
इस मामले में डबलूसीआरईयू के महामंत्री मुकेश गालव ने पमरे के महाप्रबंधक को पत्र लिका है, जिसे कहा है कि यूनियन को पता चला है कि पमरे के तीनों मंडलों की रेलवे अधिकारियों की कालोनियों की सुरक्षा व्यवस्था रेल प्रशासन निजी हाथों में सौंपने जा रहा है, इसी श्रंखला में रेल सौरभा कालोनी की व्यवस्था भी दिये जाने की तैयारी है, इसके लिए प्रशासनिक प्रक्रिया शुरू किया जा चुका है. इस प्रक्रिया में आश्चर्यजनक तथ्य है कि निजी हाथों में सुरक्षा व्यवस्था देने पर जो भी खर्चा आयेगा, उसे रेलवे अपने रेवेन्यू से अदा करेगा.
यूनियन को सुरक्षा व्यवस्था पर आपत्ति नहीं, आपत्ति कर्मचारियों से भेदभाव पर
यूनियन महामंत्री ने कहा है कि यूनियन को इस तरह की सुरक्षा व्यवस्था स्थापित करने से कतई आपत्ति नहीं है और न ही प्रशासन इस सुरक्षा व्यवस्था पर जो भी खर्चा आयेगा, उसे रेलवे अपने किस मद से और कहां से भुगतान करेगा, परंतु यूनियन की यह आपत्ति है कि रेल सौरभ कालोनी सहित जबलपुर में जितनी भी रेल कालोनियां हैं, उन सभी में सुरक्षा व्यवस्था भी इसी तर्ज पर स्थापित किया जाए और उसके भुगतान की व्यवस्था भी उसी तर्ज से किया जाए, जिसके तहत रेल सौरभ कालोनी (बर्न कंपनी कंपाउंड) के लिए प्रस्तावित है.
कालोनियों की सुरक्षा का मुद्दा पीएनएम में उठाया जाता रहा
श्री गालव ने जीएम को लिखे पत्र में कहा हैै कि यूनियन 2009 से लगातार जबलपुर में कुछ कालोनियों की सुरक्षा हेतु हर स्तर पर/पीएनएम के द्वारा भी मांग उठाती रही है, परंतु प्रशासन बार-बाार यह कह कर यूनियन के प्रस्ताव को खारिज करता रहा है कि रेलवे में यह संभव नहीं है और न हीं भारतीय रेलवे में इस तरह का कोई प्रावधान है, तो फिर रेल सौरभ कालोनी जो कि अधिकारियों हेतु निर्मित है, इसके सुरक्षा पर जो भुगतान होगा, व कौन से प्रावधान के तहत किया जाएगा.
नहीं तो रेल सौरभ कालोनी का प्रस्ताव भी रद्द करो
यूनियन ने मांग की कि तीनों मंडलों की रेलवे अधिकारी तथा रेलवे कर्मचारी कालोनी की सुरक्षा व्यवस्था का भुगतान सरकारी खजाने अर्थात रेलवे रेवेन्यू से करने का कोई प्रस्ताव है तो उसे तत्काल प्रतिबंधित किया जाए और अगर नहीं किया जाता है तो अन्य रेल कालोनियों में भी इसी के समान व्यवस्था की जाए. अन्यथा यूनियन कर्मचारी एवं अधिकारी के सुरक्षा में इस तरह के भेदभाव को बर्दाश्त नहीं करेगा और आंदोलन किया जाएगा. आंदोलन के दौरान कोई हादसा होता है तो इसकी जवाबदारी रेल प्रशासन की होगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी के जबलपुर में 24 मई तक कोरोना कर्फ्यू, संक्रमण की दर घटकर 11 प्रतिशत
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