चंडीगढ़. पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सुरक्षा की मांग करने वाले एक प्रेमी जोड़े द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा कि लिव-इन-रिलेशनशिप (सहजीवन) नैतिक और सामाजिक रूप से अस्वीकार्य है. याचिकाकर्ता गुलजा कुमारी (19) और गुरविंदर सिंह (22) ने याचिका में कहा कि वे एक साथ रह रहे हैं और जल्द ही शादी करना चाहते हैं. उन्होंने कुमारी के माता-पिता से अपनी जान को खतरा होने की आशंका जताई थी.
न्यायमूर्ति एचएस मदान ने अपने 11 मई के आदेश में कहा, वास्तव में, याचिकाकर्ता वर्तमान याचिका दायर करने की आड़ में अपने लिव-इन-रिलेशनशिप पर अनुमोदन की मुहर की मांग कर रहे हैं, जो नैतिक और सामाजिक रूप से स्वीकार्य नहीं है और याचिका में कोई सुरक्षा आदेश पारित नहीं किया जा सकता है. तदनुसार याचिका खारिज की जाती है.
याचिकाकर्ता के वकील जे एस ठाकुर के अनुसार, सिंह और कुमारी तरनतारन जिले में एक साथ रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि कुमारी के माता-पिता ने उनके रिश्ते को स्वीकार नहीं किया. कुमारी के माता-पिता लुधियाना में रहते हैं. ठाकुर ने कहा कि दोनों की शादी नहीं हो सकी क्योंकि कुमारी के दस्तावेज, जिसमें उसकी उम्र का विवरण है, उसके परिवार के पास हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली, यूपी और हरियाणा को सुप्रीम कोर्ट का आदेश: प्रवासी मजदूरों के लिए शुरू करें सामुदायिक रसोई
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