सीबीएसई 12वीं बोर्ड के मेजर सब्जेक्ट के ही एग्जाम हो सकते हैं, कोरोना की वजह से एग्जाम नहीं दे पाने पर एक और मौका मिलेगा

सीबीएसई 12वीं बोर्ड के मेजर सब्जेक्ट के ही एग्जाम हो सकते हैं, कोरोना की वजह से एग्जाम नहीं दे पाने पर एक और मौका मिलेगा

प्रेषित समय :21:11:14 PM / Sat, May 22nd, 2021

नई दिल्ली. कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) 12वीं क्लास में मुख्य विषयों यानी मेजर सब्जेक्ट्स का एग्जाम लेने पर विचार कर रहा है. खबर के मुताबिक, महामारी को देखते हुए यह फैसला लिया जा सकता है कि 12वीं क्लास में मेजर सब्जेक्ट्स का ही एग्जाम हो और बाकी सब्जेक्ट्स की मार्किंग के लिए कोई और फार्मूला अपनाया जाए. साथ ही यह भी कहा गया है कि जो स्टूडेंट कोरोना की वजह से एग्जाम नहीं दे पाते हैं, उन्हें एक और मौका मिलना चाहिए.

सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर के चलते 12वीं बोर्ड का एग्जाम टाल दिया था. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रविवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मंत्रियों और अधिकारियों की एक हाईलेवल मीटिंग में 12 के एग्जाम और प्रोफेशनल्स एजुकेशन के एंट्रेंस टेस्ट पर फैसला हो सकता है. मीटिंग में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और प्रकाश जावडेकर भी शामिल होंगे.

12वीं के लिए 174 सब्जेक्ट्स, इनमें से 20 मेजर

सीबीएसई 12वीं क्लास में 174 सब्जेक्ट्स की पढ़ाई कराता है. इनमें से महज 20 को ही मेजर सब्जेक्ट माना जाता है. इनमें फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथमेटिक्स, बायोलॉजी, हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस, बिजनेस स्टडीज, अकाउंटेंसी, जियोग्राफी, इकोनॉमिक्स और इंग्लिश शामिल हैं. ष्टक्चस्श्व का कोई भी स्टूडेंट कम से कम 5 और अधिकतम 6 सब्जेक्ट लेता है, आमतौर पर इनमें 4 मेजर सब्जेक्ट होते हैं.

एग्जाम को लेकर सीबीएसई के पास 2 विकल्प

पहला- सिर्फ मेजर सब्जेक्ट की परीक्षा निर्धारित सेंटर्स पर कराई जा सकती है. इन परीक्षाओं के नंबर्स को आधार बनाकर माइनर सब्जेक्ट में भी नंबर दिए जा सकते हैं. इस विकल्प के तहत परीक्षा करवाने के लिए प्री-एग्जाम के लिए 1 महीना, एग्जाम और रिजल्ट डिक्लेयर करने के लिए 2 महीने और कंपार्टमेंट एग्जाम के लिए 45 दिनों का समय चाहिए होगा. यानी इस विकल्प को तब ही अपनाया जा सकता है, जब सीबीएसई बोर्ड के पास 3 महीने की विंडो हो.

दूसरा- दूसरे विकल्प में सभी सब्जेक्ट्स के एग्जाम के लिए डेढ़ घंटे (90 मिनट) का समय निर्धारित करने का सुझाव दिया गया है. इसके साथ ही पेपर में सिर्फ ऑब्जेक्टिव या शॉर्ट क्वेश्चन ही पूछने की सलाह दी है. इस तरह 45 दिन में ही एग्जाम कराए जा सकते हैं. इसमें कहा गया है कि 12वीं के बच्चों के मेजर सब्जेक्ट की परीक्षा उनके ही स्कूल में ले ली जाए. साथ ही, एग्जामिनेशन सेंटर्स की संख्या बढ़ाकर दोगुनी कर दी जाए.

इलेक्टिव सब्जेक्ट के 3 और लैंग्वेज का एक पेपर

सुझावों में कहा गया है कि 12वीं क्लास के एक्जाम में एक पेपर भाषा से संबंधित और 3 पेपर इलेक्टिव सब्जेक्ट का रखा जाए. 5वें और 6वें सब्जेक्ट के नंबर इलेक्टिव सब्जेक्ट में मिले नंबर के आधार पर दिए जाएं. यदि बोर्ड दूसरे विकल्प को चुनाता है तो 2 फेज में परीक्षा करवाई जा सकती है.

कोरोना होने पर परीक्षा न दे पाने पर एक मौका और

जिन जगहों पर कोरोना महामारी से हालात ज्यादा खराब नहीं हैं, वहां पहले फेज में परीक्षा करवाई जानी चाहिए. बाकी, बचे इलाकों में दूसरे फेज में परीक्षा करवाएं. दोनों फेज के बीच 14 दिन का गैप होना चाहिए. यदि कोरोना संक्रमण के कारण कोई छात्र परीक्षा नहीं दे पाता है तो उसे एक मौका और मिलना चाहिए.

राज्यों के साथ एग्जाम को लेकर चर्चा जारी

शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शनिवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों से जुड़े फैसले सभी राज्य सरकारों और की सलाह के बाद लेने को कहा है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में होने वाली वर्चुअल मीटिंग रविवार सुबह 11.30 बजे होगी. शिक्षा मंत्री ने सोशल मीडिया के जरिए एग्जाम को लेकर जनता से भी सुझाव मांगे हैं.
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश को लिखे पत्र में शिक्षा मंत्री पोखरियाल ने कहा कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय और सीबीएसईछात्रों के साथ शिक्षकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एग्जाम कराने के विकल्पों पर विचार कर रहा है. उच्च शिक्षा विभाग भी शिक्षण संस्थानों में एग्जाम की तारीख को तय करने के लिए विचार विमर्श कर रहा है. हालांकि, सीबीएसई ने परीक्षाएं टाले जाने के वक्त कहा था कि अब नई तारीखों पर 1 जून के बाद विचार किया जाएगा.

मध्य प्रदेश ने जून में एग्जाम का सुझाव दिया

मध्यप्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण 10वीं और 12वीं की बोर्ड एग्जाम जून में कराने का प्रस्ताव भेज दिया गया है. इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मोहर लगनी बाकी है. 10वीं की परीक्षा 30 अप्रैल और 12वीं की एग्जाम एक मई से शुरू होनी थी. वहीं, राजस्थान सरकार राज्य में लॉकडाउन के बाद 10वीं और 12वीं एग्जाम पर कोई फैसला लेगी. उत्तर प्रदेश सरकार ने भी जून में ही 12वीं की एग्जाम कराने का फैसला किया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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