किंशासा. कांगो के गोमा शहर के नजदीक स्थित ज्वालामुखी माउंट नीरागोंगो शनिवार को फट गया जिससे पूरा आसमान लाल रंग का हो गया और लावा बहकर सड़कों पर आ गया. ज्वालामुखी फटने से शहर के लोग दहशत में आ गए और घरों से भागे.
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि गोमा को एक अन्य प्रांत से जोडऩे वाले एक राजमार्ग पर लावा पड़ा है. अभी यह साफ नहीं हो सका है कि ज्वालामुखी फटने से कितने लोगों की जान गई है. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने ज्वालामुखी फटने की आशंका के मद्देनजर क्षेत्र से निकलने का कोई आदेश नहीं दिया था.
यह ज्वालामुखी पिछली बार वर्ष 2002 में फटा था तब यहां सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी और लावा हवाई अड्डे के सभी रनवे पर पहुंच गया था. संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षा मिशन की ओर से ज्वालामुखी फटने के बाद की शहर की तस्वीर ट्वीट की गई. उसने कहा कि वह अपने विमानों के जरिए क्षेत्र पर नजर रख रहा है.
कांगो में संयुक्त राष्ट्र मिशन के हिस्से के रूप में भारतीय सेना की टुकड़ी ने ज्वालामुखी प्रभावित गोमा टाउन में नागरिकों और संयुक्त राष्ट्र के अन्य कर्मियों की आसानी से निकाला और सुरक्षा की सुविधा प्रदान की. एक सक्रिय ज्वालामुखी माउंट न्यारागोंगो 22 मई को लगभग शाम 6:30 बजे फट गया.
मिशन की ओर से कहा गया कि ऐसा लगता नहीं है कि लावा गोमा शहर की ओर बढ़ रहा है, फिर भी हम सतर्क हैं. हालांकि ज्वालामुखी फटने के बाद दहशत में आए हजारों लोग शहर से चले गए हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कोरोना से जंग में उतरेगी भारतीय सेना, 3 स्टार जनरल संभालेंगे कोविड प्रबंधन सेल की जिम्मेदारी
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