नई दिल्ली. सागर हत्याकांड के मुख्य आरोपित ओलंपियन सुशील कुमार की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं. पुलिस की जांच में तेजी आई है. दिल्ली पुलिस के अधिकारी उसे जगह-जगह ले जा रहे हैं और जांच कर रहे हैं. इस बीच, रेलवे ने सुशील कुमार को नौकरी से सस्पेंड कर दिया है. ओलिंपिक में पदक जीतने के बाद बाद नॉर्दन रेलवे ने सुशील कुमार को यह नौकरी दी थी. इससे पहले सुशील कुमार की लाकअप में पहली रात बेचैनी और तनाव के बीच गुजरी. उसकी आंखों में न सिर्फ बार-बार आंसू आ रहे थे, बल्कि अर्श से फर्श पर आने का दर्द भी छलक रहा था. सुशील कुमार को शायद अब एहसास हो गया है कि उसने इस मामले से अपने करियर को पूरी तरह चौपट कर लिया है. उससे किसी को मिलने-जुलने नहीं दिया जा रहा है. उधर, रेलवे ने सुशील कुमार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है. अगले कुछ दिनों उसे निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया जाएगा. वह उत्तर रेलवे में वरिष्ठ वाणिज्यिक प्रबंधक है.
सुशील और अजय को रिमांड पर लेने के बाद रविवार को माडल टाउन थाने लाया गया. पुलिस सूत्रों के मुताबिक यहां लाकअप में पहली रात वह बेहद तनाव में रहा और कुछ देर ही उसने नींद ली. पुलिस का कहना है की सुशील के हावभाव से लगता है कि उसे गलती का एहसास हो रहा है. यही वजह है कि बार-बार उसकी आंखों में आंसू भर आते हैं. लाकअप में दोनों को थाने की मेस में बनी रोटी, दाल व सलाद खाने में दिया गया. उन्होंने भरपेट खाया. सोने के लिए दोनों को अलग-अलग कंबल दिए गए थे. सूत्र बताते हैं कि जिस तरह से दोनों रातभर करवटें बदलते हुए ऊपर ताक रहे थे, उससे साफ लग रहा था कि उनके जीवन की शायद यह सबसे कष्टप्रद रात थी. तड़के करीब तीन बजे केस क्राइम ब्रांच में स्थानांतरित होने के बाद थाना पुलिस ने दोनों को क्राइम ब्रांच में सौंप दिया.
एडिशनल सीपी शिबेश सिह व डीसीपी भीष्म सिह के नेतृत्व में एसीपी व इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी सुशील और अजय से वारदात को लेकर पूछताछ कर रहे हैं. दोनों से सोमवार को क्राइम ब्रांच ने शकरपुर स्थित अपने दफ्तर में करीब छह घंटे पूछताछ की. पूछताछ कर पुलिस फरार नौ अन्य आरोपितों के बारे में पता लगा रही है, ताकि जल्द से जल्द उन्हें दबोचा जा सके. दोनों से मोबाइल फोन और स्टेडियम के डीवीआर के बारे में भी पूछताछ की गई. चार मई को घटना वाली रात सुशील व उसके आरोपित साथी स्टेडियम से सीसीटीवी कैमरों के डीवीआर उठाकर ले गए थे, ताकि झगड़े व मारपीट संबंधी सुबूत नष्ट किए जा सकें. पुलिस सबसे पहले इनके मोबाइल फोन व डीवीआर बरामद करने की कोशिश करेगी. उसके बाद स्टेडियम ले जाकर सीन रिक्रिएशन कर घटना के बारे में पता लगाएगी. ताकि, सागर की हत्या की वजह को तलाशा जा सके.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-धाक जमाने के मकसद से सुशील कुमार ने दोस्तों से बनवाया था झगड़े का वीडियो
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