नई दल्ली. भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को ब्रिटेन की अदालत से बड़ा झटका लगा है . ब्रिटेन की एक अदालत ने माल्या की भारत में कानूनी कार्यवाहियों के खर्च को पूरा करने के लिए, अदालत द्वारा रोके गए पैसे निकालने की मांग से जुड़ी याचिका खारिज करते हुए कहा कि वह 7.69 करोड़ रुपए यानी 7,50,000 पाउंड की अपनी मांग के समर्थन में पुख्ता सबूत पेश करने में नाकाम रहे हैं.
ब्रिटेन के हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति रॉबर्ट माइल्स ने भरातीय स्टेट बैंक (SBI) के नेतृत्व वाले भारतीय बैंकों के एक समूह के पक्ष में फैसला सुनाया. उन्होंने माल्या को यह कहते हुए अपनी याचिकाओं के खर्च का 95 फीसदी हिस्सा वहन करने का निर्देश दिया कि बैंकों ने अदालत द्वारा रोके गए पैसों में से और पैसे निकालने पर रोक के मामले में ‘बेहद सफलतापूर्वक’ अपना पक्ष रखा और इसमें ‘सीधी-सीधी जीत’ हासिल की.
न्यायमूर्ति माइल्स ने कहा, अलग-अलग कार्यवाहियों पर हुए खर्च का ब्यौरा नहीं दिया गया, पहले से उठाए जा चुके कदमों के संदर्भ में खर्च को उचित ठहराने के लिए कोई कोशिश नहीं की गयी, मांगी जा रही धनराशि के समर्थन में खर्च का कोई बिल, विवरणात्मक कार्यक्रम या कोई भी दूसरा सबूत पेश नहीं किया गया.
इससे पहले फरवरी में ब्रिटेन की एक अदालत ने माल्या को उसके रहन-सहन के खर्च और ब्रिटेन में चल रहे दिवाला मामले से जुड़े कानूनी खर्चें पूरी करने के लिए अदालत निधि कार्यालय (CFO) से 11,28,70,710 रुपए (11 लाख पाउंड) के इस्तेमाल की मंजूरी दी थी. दिवाला मामले से जुड़ी अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी.
पिछले हफ्ते ब्रिटिश कोर्ट ने भारत से भाग चुके माल्या के खिलाफ फैसला सुनाया था. ऐसे में अब बैंकों के 14000 करोड़ की वापसी की एक उम्मीद जगी है. दरअसल, विजय माल्या ने कर्ज तो 9000 करोड़ का लिया था लेकिन ब्याज के बाद अब यह रकम 14000 करोड़ की हो गई है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-भारत सरकार के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा व्हाट्सएप
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