प्रदीप द्विवेदी. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हों, बंगाल की सीएम ममता बनर्जी हों या दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, इनकी छोटी-सेे-छोटी गलती पर इनके नाम लेने में तोे न्यूज चैनल दबंगई दिखाते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेने में इन्हें इतनी घबराहट क्यों होती है?
भले ही पीएम मोेदी स्वयं कोेरोनाकाल मेें राजस्थान के प्रबंधन की, सीएम अशोक गहलोत की तारीफ करतेे हों, लेकिन न्यूज चैनल किसी छोटी गड़बड़ी के लिए भी अशोक गहलोत पर सवालिया निशान लगाने में देरी नहीं करते हैं?
यदि सीएम गहलोत लाॅकडाउन का नाम भूल जाएं तोे बड़ी खबर होेती है, लेकिन पीएम मोदी यदि पॉजिटिव केस बढ़ाने की बात करें, तो उसे नजरअंदाज कर दिया जाता है!
पीएम मोदी, दीदी-ओ-दीदी के साथ कैसे भी पेश आएं, चलेेगा, लेकिन सीएम ममता बनर्जी अपने तेवर दिखाएं, तो न्यूज चैनल के लिए सबसे बड़ा मुद्दा बन जाता है?
यदि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल प्रोटोकॉल तोड़ दें, तो गंभीर अपराध हो जाता है, परन्तु पीएम मोदी प्रोटोकॉल किनारे करके पाकिस्तान यात्रा करें, तो ठीक है!
कांग्रेस का कोई भी नेता, कुछ भी बयान देता है, तो न्यूज चैनल की नजर में इसके लिए राहुल गांधी जिम्मेदार हैं? किन्तु, बीजेपी का बड़े-से-बड़ा नेता भी कोई विवादास्पद बयान देे दे, तो पीएम मोदी ऐसे बयानों केे लिए जिम्मेेदार नहीं हैं? इतना जरूर है कि पीएम मोदी ऐसे नेता को मन से माफ नहीं करते हैं!
सियासी सयानों का मानना है कि यदि कोेई भी मुख्यमंत्री गलती करता है या उनके प्रदेश में कोई भी गड़बड़ी है, तोे न्यूज चैनल कोे जरूर उठाना चाहिए, लेकिन ऐसी ही हिम्मत पीएम मोदी का नाम लेने में भी दिखानी चाहिए, वरना.... यदि मोदी का नाम लेने में डर लगता है, तो आपका नाम लेने में आपके बच्चों को भी शर्म आएगी?
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-राजस्थान: भाजपा सांसद कोली के कार पर ईंट और सरिए से हमला, बीजेपी का सीएम को घेरा
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