वित्त वर्ष 2020-21 में 7.3 प्रतिशत माइनस में रही देश की जीडीपी, अंतिम तिमाही में रही 1.6 फीसदी की ग्रोथ

वित्त वर्ष 2020-21 में 7.3 प्रतिशत माइनस में रही देश की जीडीपी, अंतिम तिमाही में रही 1.6 फीसदी की ग्रोथ

प्रेषित समय :08:46:44 AM / Tue, Jun 1st, 2021

नई दिल्ली. वित्त वर्ष 2020-21 में देश की जीडीपी ग्रोथ -7.3 प्रतिशत दर्ज की गई है. 2019-20 में यह 4.0 फीसदी रही थी. भारत सरकार ने यह जानकारी दी है. सरकारी डेटा के अनुसार जनवरी-मार्च 2021 तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ 1.6 प्रतिशत रही है. चौथी तिमाही की ग्रोथ पिछली 2020-21 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 0.5 फीसदी की बढ़ोतरी से बेहतर रही.

सकल घरेलू उत्पाद 2019-20 की जनवरी-मार्च अवधि में 3 फीसदी बढ़ी थी. यह डेटा राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय से मिला है. 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की गिरावट आई, 2019-20 में इसमें 4 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई थी. यह कोविड-19 महामारी के आर्थिक असर को दिखाता है.

हृस्ह्र ने इस साल जनवरी में जारी हुए राष्ट्रीय अकाउंट्स के पहले एडवांस एस्टिमेट्स में 2020-21 में जीडीपी में 7.7 प्रतिशत की गिरावट का आकलन किया गया था. हृस्ह्र ने अपने दूसरे संशोधित अनुमान में, 2020-21 में 8 फीसदी की गिरावट का आकलन जताया था. चीन ने जनवरी-मार्च 2021 में 18.3 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की है.

जानकारों के अनुसार किसी भी एक साल के भीतर देश में उत्पादित होने वाले सभी सामानों और सेवाओं का कुल मूल्य सकल घरेलू उत्पाद या जीडीपी है. जीडीपी किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति को दर्शातज़् है. इससे पता चलता है कि देश का विकास किस तरह हो रहा है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय जीडीपी की गणना करता है. जीडीपी के आंकड़े हर तिमाही यानी साल में चार बार जारी किए जाते हैं. जीडीपी की गणना चार घटकों कंजम्पशन एक्सपेंडिचर, गवर्नमेंट एक्सपेंडिचर, इनवेस्टमेंट एक्सपेंडिचर और नेट एक्सपोर्ट के जरिए होती है.

जीडीपी की गणना के लिए हृस्ह्र देश के आठ प्रमुख क्षेत्रों से आंकड़े प्राप्त करता है. इनमें कृषि, रियल एस्टेट, मैन्युफैक्चरिंग, विद्युत, गैस सप्लाई, माइनिंग, वानिकी एवं मत्स्य, क्वैरीइंग, होटल, कंस्ट्रक्शन, ट्रेड और कम्युनिकेशन, फाइनेंसिंग और इंश्योरेंस, बिजनेस सर्विसेज और कम्युनिटी के अलावा सोशल व सार्वजनिक सेवाएं शामिल है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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