WHO ने किया भारत में मिले कोरोना वेरिएंट का नामकरण, अब इस नाम से जाना जायेगा वायरस

WHO ने किया भारत में मिले कोरोना वेरिएंट का नामकरण, अब इस नाम से जाना जायेगा वायरस

प्रेषित समय :08:02:25 AM / Tue, Jun 1st, 2021

नई दिल्ली. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोमवार को कोरोना वायरस के सभी वेरिएंट या स्ट्रेन का नामकरण कर दिया है. कोरोना वायरस के स्ट्रेन या वेरिएंट को किसी देश विशेष से जोड़ने को लेकर उपजे विवाद के बीच डब्ल्यूएचओ ने कोरोना के मुख्य वेरिएंट के नामों को पुकारने और याद रखने के लिए नामकरण कर दिया है. कोरोना के लिए जिम्मेदार वायरस का नामकरण ग्रीक अल्फाबेट का इस्तेमाल करते हुए किया गया है. यह नाम व्यापक रायशुमारी और समीक्षा के बाद तय किए गए हैं.

इसी के तहत भारत में सबसे पहले कोरोना का जो वेरिएंट मिला था, उसका नाम डेल्टा वेरिएंट रखा गया है. भारत में 12 मई में इस वेरिएंट की पहचान बी.1.617 से की गई थी, जिसे भारतीय वेरिएंट कहा जा रहा था. यह वैरिएंट अब तक 53 देशों में पाया जा चुका है और सात अन्य देशों में इसकी अनाधिकारिक तौर पर पहचान हुई है. यह दूसरे वायरस की तुलना में ज्यादा फैलने वाला है, हालांकि इसकी संक्रामक क्षमता को लेकर दुनिया भर में शोध हो रहे हैं.

डब्ल्यूएचओ उन वेरिएंट्स के लिए लेबल असाइन करेगा जिन्हें वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट या वेरिएंट ऑफ़ कंसनज़् के रूप में नामित किया गया है. भारत में मिले कोरोना वेरिएंट बी.1.617.2   G/452R.V3 का नाम डेल्टा वेरिएंट रखा गया है. बता दें कि, भारत में मिले कोरोना वैरिएंट को इंडियन वेरिएंट कहे जाने पर विवाद हुआ था. हाल ही में सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से कहा था कि वे अपने प्लेटफार्म से किसी भी ऐसे कंटेंट को तुरंत हटा दें जो कोरोना वायरस के इंडियन वेरिएंट शब्द का उपयोग करता है या संदर्भित करता है. ताकि कोविड-19 से जुड़ी फेक न्यूज पर अंकुश लगाया जा सके.

डब्ल्यूएचओ में कोविड-19 के टेक्निकल लीड डॉक्टर मारिया वेन केरखोव ने हालांकि कहा है कि इस नए नामकरण से कोरोना वायरस के मौजूदा स्ट्रेनों का वैज्ञानिक नाम नहीं बदलेगा, क्योंकि यह वैज्ञानिक तथ्यों और शोध पर आधारित नाम होते हैं. लेकिन किसी भी स्ट्रेन या वेरिएंट को लेकर किसी भी देश को दागदार बनाने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए. कोरोना वायरस का वैज्ञानिक नाम और शोध पहले की तरह जारी रहेगा.

डब्ल्यूएचओ की एक टीम ने किसी देश विशेष के आधार पर किसी वेरिएंट को लेकर विवाद से बचने के लिए ग्रीक अल्फाबेट यानी अल्फा बीटा गामा और अन्य के आधार पर कोरोना वायरस के वेरिएंट के नाम रखने का सुझाव दिया था. यह गैर वैज्ञानिक लोगों के लिए ज्यादा आसान चर्चा करने में प्रैक्टिकल रहेगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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