जबलपुर. पश्चिम मध्य रेल के केंद्रीय चिकित्सालय एवं अन्य रेल अस्पतालों में कोविड आइसोलेशन वार्ड में कोविड-19 संक्रमण मरीजों की इलाज में महिला डॉक्टरों ने एक टीम के रुप में सराहनीय कार्य करके अदम्य साहस दिखाया. ये डॉक्टरों ने रात- दिन बिना रुके, बिना थके कोविड मरीजों की चिकित्सा सेवा की. इस चिकित्सीय सेवा में कई महिला डॉक्टरों के परिवार के करीबी भी कोविड संक्रमित हो गए, लेकिन इसके बावजूद अपने काम को बखूबी अंजाम देते रहे.
यहाँ पर ये उल्लेख करना आवश्यक है कि केंद्रीय चिकित्सालय जबलपुर की प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नाजिया तब्बुस्सुम ने कोविड आइसोलेशन वार्ड तथा आकस्मिक चिकित्सा में कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान अपनी ड्यूटी को कर्मठता से निभाया, जबकि इस दौरान उनके पिता जी भी कोरोना पॉजिटिव संक्रमित हो गए थे तब भी वह अपने कर्तव्यों से नहीं डिगी, बल्की कर्तव्य पालन को बखूबी अंजाम देने के लिए अपने कार्य के घंटो के अतिरिक्त भर्ती मरीजों की देख भाल मे कोई कसर नहीं छोड़ी. अपने पिता का भी बराबर चिकित्सीय सेवा की उनका ये जज्बा और साहस एवं मरीजों के प्रति सहानुभूति को देखकर उनके सहकर्मी भी उनकी सराहना करते नहीं थकते. उनकी कर्तव्यनिष्ठता की सर्वत्र सराहना हो रही है.
इसी प्रकार एडीएमओ प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मीनल वर्मा ने भी आइसोलेशन वार्ड और कोविड आकस्मिक चिकित्सा में बड़ी निडरता से कोविड मरीजों का इलाज किया, जबकि वह स्वयं कोरोना पॉजिटिव हो गई थी, लेकिन वह स्वस्थ होकर वापस आयी और दुगनी शक्ति एवं साहस से अपनी ड्यूटी को निभाया.
कोटा मंडल की एडीएमओ पैथोलॉजी डॉक्टर स्वर्णा दास को केंद्रीय चिकित्सालय में कोविड मरीजों की इलाज के लिए ड्यूटी करने बुलाया गया. इन्होंने कोविड संक्रमण से निपटने के लिए संविदा अनुबंधित महिला डॉक्टरों की टीम को बड़ी कुशलता से प्रशिक्षित किया, जो कोविड मरीजों की चिकित्सा सेवा में अत्यधिक लाभदायक सिद्ध हुआ.
मण्डल चिकित्सा अधिकारी ईएनटी डॉक्टर मीनाक्षी मिश्रा ने कोविड मरीजों के इलाज में उपयुक्त होने वाली कोविड दवाओं का प्रबंध कर अपनी सेवाएं प्रदान की. इसके अलावा कोविड मरीजों के इलाज के दौरान उनकी विशेष मेडिकल अवकाश के सर्टिफिकेट जारी करने का विशेष कार्य किया, जिससे उनकी कार्यालय की प्रशासनिक सेवा में बाधा उत्पन्न नहीं हुआ. इस कार्य की भी अत्यंत सराहना की जा रही है.
पश्चिम मध्य रेल केन्द्रीय चिकित्सालय में डॉ. वर्तिका पालीवाल और डॉ. दिव्या पटेल अनुबंधित डॉक्टरों के रूप में शामिल हुई और कोविड -19 के खिलाफ अथक परिश्रम किया और उनके काम की भी सभी ने सराहना की. केन्द्रीय चिकित्सालय जबलपुर की मुख्य लैब अधीक्षक श्रीमति काम्या रंगवानी, निधि गौतम और रोशनी अंजुम मंसूरी लैब टेक्नीशियन ने भी जबरदस्त काम किया. कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान दो महीनों में 2000 से ज्यादा सैम्पल लिए. सभी प्रयोगशाला कर्मियों ने मरीजों के लिए आरटीपीसीआर सैपलिंग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई . उनके इस काम की सभी ने प्रशंसा की.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल में ट्रेड अप्रेंटिस के लिए आवेदन आमंत्रित
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