बेंगलुरू. KSRTC के लोगो और नाम को लेकर वर्षों की कानूनी लड़ाई के बाद फैसला केरल के पक्ष में गया है. सार्वजनिक परिवहन में लोगो और नाम अब सिर्फ केरल ही इस्तेमाल कर पाएगा. KSRTC – कर्नाटक और केरल के लोगों के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का नाम है. कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम और केरल राज्य सड़क परिवहन निगम के बीच इस लोगो को लेकर विवाद था. केरल आरटीसी के एमडी और परिवहन सचिव बीजू प्रभाकर ने कहा, KSRTC का इस्तेमाल अब केवल केरल के लिए किया जा सकता है और इसलिए जल्द ही कर्नाटक को नोटिस भेजा जाएगा.
सिर्फ शॉर्ट नेम KSRTC ही नहीं बल्कि उसका लोगो और उसका निकनेम ‘Ana Vandi’ भी केरल का ही होगा. केरल के परिवहन मंत्री एंटनी राजू ने कहा कि यह KSRTC के लिए उपलब्धि से कम नहीं है. केरल में केएसआरटीसी का इतिहास लोगों के जीवन से जुड़ा हुआ है, ये सिर्फ सड़क परिवहन नहीं बल्कि उससे ज्यादा है. सिनेमा, साहित्य और संस्कृति पर केएसआरटीसी की छाप है, जिसे आसानी से नहीं मिटाया जा सकता. मैं फैसले से बेहद खुश हूं और इसके लिए काम करने वाले लोगों को बधाई देता हूं.
दोनों राज्य सालों से KSRTC का इस्तेमाल कर रहे थे, लेकिन 2014 में कर्नाटक सरकार ने केरल को नोटिस भेज कर कहा कि यह कर्नाटक का है और इसका इस्तेमाल केरल पब्लिक ट्रांसफोर्ट नहीं कर सकता, जिसके बाद ये लीगल बैटल शुरू हो गई. केरल आरटीसी के तत्कालीन सीएमडी एंथनी चाको ने संक्षिप्त नाम के लिए कर्नाटक के नोटिस के खिलाफ ट्रेडमार्क के रजिस्ट्रार से अपील की. केरल 1965 से KSRTC शब्द का इस्तेमाल कर रहा है, कर्नाटक ने पहली बार 1973 में इसका इस्तेमाल किया था. वहीं इस मामले पर कर्नाटक आरटीसी के एमडी शिवयोगी कलासाद ने कहा, हम आदेश की कॉपी मिलने के बाद कानूनी सलाह लेने के बाद इस पर कमेंट करेंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-सुशील को स्कूटी देने वाली महिला खिलाड़ी से दिल्ली पुलिस करेगी पूछताछ, हो सकती है FIR
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