नई दिल्ली. सुशील एवं अजय को लेकर सोनीपत-हरिद्वार एवं पंजाब के अन्य ठिकानों पर पुलिस गई थी। लेकिन न तो मोबाइल मिला और न ही वारदात में प्रयुक्त डंडा एवं सुशील के कपड़े। यहां तक कि डीवीआर भी नहीं मिली जिसमें वारदात के दौरान के अहम सबूत छिपे हुए थे।
पुलिस अधिकारी का कहना था कि सुशील कुमार जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। माना जा रहा है सुशील द्वारा प्रयुक्त सिम कार्ड को भी तोड़कर नष्ट कर दिया गया है। अब इसके बाद पुलिस के पास गिरफ्तार आरोपी प्रिंस दलाल द्वारा बनाई गई वीडियो फुटेज और सोनू एवं अमित के बयान ही आधार हैं। इसके अलावा अन्य आरोपियों के खिलाफ मौके पर मौजूद वाहन, मोबाइल फोन एवं लाइसेंसी बंदूक को अहम सबूत माना जा रहा है।
जब स्पेशल सेल ने सुशील एवं अजय को गिरफ्तार किया था तब वो स्कूटी से मुंडका इलाके में घूम रहे थे। यह स्कूटी सुशील की महिला मित्र की थी जो राष्ट्रीय स्तर की हैंडबाल खिलाड़ी थी। अब पुलिस महिला खिलाड़ी को भी सुशील की मदद करने के आरोप में नोटिस देकर पूछताछ में शामिल होने के लिए बुलाएगी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सबूत मिलने पर एफआईआर भी दर्ज किया जाएगा।
साक्ष्य मिटाने की धारा जोड़ी गई
अब पुलिस सुशील कुमार के खिलाफ साक्ष्य मिटाने की धारा भी दर्ज की गई है। दरअसल, वारदात में प्रयुक्त डंडा, मोबाइल फोन एवं अन्य सबूत नष्ट करने की जानकारी सामने आई है। इन्हें सुशीलके कहने पर नष्ट किया गया था। इसलिए साक्ष्य मिटाने की धारामें मुकदमा दर्ज किया गया है।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-सुशील के कॉलर पर हाथ डालना पड़ा भारी, चंद घंटों में इकट्ठा कर दी बदमाशों की फौज
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