नई दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय ने अभिनेत्री जूही चावला के सरकार को प्रतिवेदन दिये बिना 5जी वायरलेस नेटवर्क तकनीक को चुनौती देने के लिए सीधे अदालत आने पर सवाल उठाये. उच्च न्यायालय ने तकनीक से संबंधित अपनी चिंताओं के संबंध में सरकार को कोई प्रतिवेदन दिये बगैर, देश में 5जी वायरलेस नेटवर्क स्थापित करने के खिलाफ जूही चावला के सीधे मुकदमा दायर करने पर सवाल उठाया.
न्यायमूर्ति जे आर मिड्ढा ने कहा कि वादी चावला और दो अन्य लोगों को पहले अपने अधिकारों के लिए सरकार से संपर्क करने की आवश्यकता थी और यदि वहां इनकार किया जाता, तब उन्हें अदालत में आना चाहिए. अदालत ने विभिन्न पक्षों की दलीलें सुनने के बाद वाद पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. याचिका में दावा किया गया है कि इन 5जी वायरलेस प्रौद्योगिकी योजनाओं से मनुष्यों पर गंभीर, अपरिवर्तनीय प्रभाव और पृथ्वी के सभी पारिस्थितिक तंत्रों को स्थायी नुकसान पहुंचने का खतरा है.
चावला, वीरेश मलिक और टीना वचानी ने याचिका दायर कर कहा है कि यदि दूरसंचार उद्योग की 5जी संबंधी योजनाएं पूरी होती हैं तो पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति, कोई जानवर, कोई पक्षी, कोई कीट और कोई भी पौधा इसके प्रतिकूल प्रभाव से नहीं बच सकेगा.
सुनवाई के बीच जब शख्स ने गाया गाना
मामले की सुनवाई के दौरान एक शख्स ने लाल लाल होठों पे गोरी किसका नाम है गाना गा दिया. वर्चुअल मोड में हो रहे सुनवाई को बीच में रोकना पड़ा. हालांकि अंत में उस व्यक्ति को बाहर कर दिया गया और फिर दोबारा सुनवाई शुरू की गई. बता दें कि कोर्ट ने इस मामले में अवमानना का नोटिस जारी कर दिया है और पुलिस को उस व्यक्ति को गिरफ्तार करने के आदेश दे दिए हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-सुशील को स्कूटी देने वाली महिला खिलाड़ी से दिल्ली पुलिस करेगी पूछताछ, हो सकती है FIR
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