आर्थर मॉर्गन नाम का ये छोटा बच्चा स्पाइनल मस्क्युलर एट्रोफी से जूझ रहा है. आमतौर पर इस बीमारी से शरीर में लकवा मार जाता है और दो साल के अंदर किसी भी व्यक्ति की मौत हो जाती है. लेकिन कुछ साल पहले इस पर जीत हासिल करने की एक उम्मीद जगी और आज इसका इलाज दुनिया की सबसे महंगी दवाई के जरिए हो रहा है. इसकी एक खुराक से ही बच्चों में काफी सुधार देखा गया है. मगर इसकी एक खुराक की कीमत करीब 16.9 करोड़ रुपए से भी ज्यादा है.
ऑर्थर को हाल ही में इसकी एक डोज दी गई है. रीस और रोजी के बेटे आर्थर को सीधे बैठने और सिर सीधा रखने में भी दिक्कत होती थी, तीन हफ्ते बाद उन्हें जीन थेरेपी Zolgensma दी गई. इस दवा को दुनिया की सबसे महंगी दवा माना जाता है. स्टडीज में पाया गया है कि यह पैरैलेसिस से बचा सकती है. इसे मरीज को IV ड्रिप से दिया जाता है. ये दवा ऐसे प्रोटीन बनाती है जो SMA पीड़ितों में नहीं बनता है. जो मांसपेशियों के विकास और मूवमेंट के लिए जरूरी है.
आपको बता दें कि जोल्गेंस्मा को स्विट्जरलैंड की फर्म नोवारटिस ने तैयार किया है. इस ड्रग की एक डोज स्पाइनल मस्क्युलर एट्रोफी(एसएमए) के लिए काफी है. इसके चलते बच्चे बैठने और चलने में भी सक्षम हो जाते हैं. आर्थर का जन्म दिसंबर 2020 में हुआ था और वो प्रीमेच्योर पैदा हुआ था. उसके पैरेंट्स ने नोटिस किया था कि उनका बच्चा ठीक से रिएक्ट नहीं कर रहा है ,जिसके बाद डॉक्टर्स से उन्हें आर्थर की इस दुर्लभ बीमारी के बारे में पता चला था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-सुशील को स्कूटी देने वाली महिला खिलाड़ी से दिल्ली पुलिस करेगी पूछताछ, हो सकती है FIR
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