यूपी: बांदा के एसडीएम का फरमान, अगर फसल बेचनी है तो लाओ भगवान का आधार कार्ड

यूपी: बांदा के एसडीएम का फरमान, अगर फसल बेचनी है तो लाओ भगवान का आधार कार्ड

प्रेषित समय :13:30:21 PM / Sun, Jun 6th, 2021

बांदा. उत्तर प्रदेश के बांदा जनपद में एक अधिकारी ने एक ऐसा फरमान जारी किया है जो जनता के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. एसडीएम अतर्रा  सौरभ शुक्ला ने कहा है कि मठ और मंदिर की जमीनों में हुई फसलों को बेचने के लिए भगवान का आधार कार्ड लाना अनिवार्य होगा. मामला बड़ा ही पेचीदा है. जो लोग इस  फरमान को सुन रहे हैं वह भी हैरान हो रहे हैं कि आखिरकार भगवान का आधार कैसे बनेगा? फिंगरप्रिंट कैसे मिलेंगे और आई कांटेक्ट कैसे लिया जाएगा. आधार में ये दोनों चीज अनिवार्य है. ऐसे में भला अब भगवान का आधार बने भी तो कैसे बने.

एसडीएम अतर्रा सौरभ शुक्ला का कहना है कि हां यह नियम उन्होंने ही लागू किया है और यह नियम लागू रहेगा. एसडीएम साहब साफ तौर पर कह रहे हैं कि इंसान हो, चाहे भगवान अगर फसल बेचनी है तो आधार जरूरी होगा. संरक्षण का नहीं बल्कि जिसके नाम जमीन होगी आधार मान्य होगा.

बता दें पूरा मामला अतराज़् तहसील के खुरहड गांव का है, जिसमें मठ-मंदिर में रहने वाले साधु-संतों को मंदिर की देखरेख, रंगाई, पुताई, साफ-सफाई व प्रसाद अन्य अन्य तमाम खर्चों को देखते हुए गांव के लोगों ने कुछ जमीने मंदिर में बैठे भगवानों के नाम कर दी है. लेकिन संरक्षक मंदिर के पुजारी को बनाया गया है. मतलब यह है कि इन मंदिरों में भगवान नाबालिग हैं और उनके संरक्षक वहां के साधु-संत हैं. संरक्षक का दायित्व निभाते हुए उस जमीन, मकान और खेती का  जिम्मेदार होता है और कभी भी किसी भी वक्त उसके जमीन के अधिकार का प्रयोग हर जगह कर सकता है.

बांदा जनपद में लगभग 50 मंदिर है और मठ है जैसे श्री राधा कृष्ण मंदिर, हनुमान मंदिर, रामसीता मंदिर व अन्य देवियों के मंदिर हैं जो कि ग्रामीण क्षेत्रों में बने हुए हैं. इन मंदिरों में पूजा पाठ करने वाले साधु संत पुजारी उस जमीन में खेती-बाड़ी करके अपने लिए खाने को अनाज पैदा करते हैं और जो बची हुई फसल होती है उसको मंडी में सही दामों पर बेचकर उसी पैसे से मंदिर का विकास और अन्य कार्य करते हैं. अतर्रा तहसील के गिरवां थाना क्षेत्र के खुरहड गांव के रहने वाले एक पुजारी रामचंद्र महाराज मंडी फसल बेचने के लिए पहुंचे तो उनकी फसल लेने से अधिकारियों ने मना कर दिया और बताया कि एसडीएम अतर्रा सौरभ कुमार शुक्ला का आदेश है कि बिना आधार कार्ड के किसी भी व्यक्ति की फसल नहीं खरीदी जाएगी. जिसके बाद रामचंद्र महाराज को यह बात हजम नहीं हुई और मंदिर के पुजारी एसडीएम साहब के ऑफिस पहुंच गए. एसडीएम साहब फिर वही बात दोहराते हुए कहा कि भगवान हो चाहे या फिर इंसान अगर फसल बेचनी है तो आधार कार्ड लाना जरूरी होगा.

राम जानकी मंदिर के पुजारी महंत राम कुमार दास ने कहा है कि अगर भगवान का आधार काडज़् नहीं बना तो मंदिर के खेतों मे हुई फसल को हम लोग नहीं बेच पाएंगे. ऐसे में मठ मंदिर कैसे चल पाएंगे. मठ मंदिरों को चलाने के लिए और अपना खुद का पेट भरने के लिए जो फसल पैदा करते हैं उसके बाद भी मंदिर में तमाम खचेज़् ऐसे होते हैं जिनको करना मजबूरी होती है. लेकिन एसडीएम साहब के जवाब से हम खुद परेशान है कि आखिरकार बांदा जनपद के तमाम मठ मंदिरों में रहने वाले पुजारी जो भगवान की पूजा करते हैं अब वह अपनी फसलें कैसे बेचेंगे, क्योंकि भगवान का तो आधार बनना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. लेकिन अधिकारी मांग कर रहे कि भगवान का भी आधार लेकर आओ.

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