नजरिया. ज्यों-ज्यों यूपी विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, त्यों-त्यों सियासी उत्सुकता बढ़ती जा रही है कि नतीजे क्या होंगे?
नतीजे जो भी हों, इतना तय है कि यूपी जीते तो पीएम मोदी और हारे तो सीएम योगी जिम्मेदार होंगे!
खबरें हैं कि उत्तर प्रदेश में 2022 का विधानसभा चुनाव सीएम योगी आदित्यनाथ और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की लीडरशिप में ही लड़ने का फैसला लिया गया है, अलबत्ता कैबिनेट में जरूर बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है.
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में हाल ही बीजेपी के संगठन महासचिव बीएल संतोष पहुंचे थे और राज्य के कई मंत्रियों और विधायकों से अलग-अलग मुलाकात भी की थी, ताकि योगी सरकार की सियासी क्षमताओं और प्रभाव का पता लगाया जा सके.
हालांकि, इसके बाद भले ही योगी आदित्यनाथ और स्वतंत्र देव सिंह को बीजेपी ने बनाए रखने का राजनीतिक इशारा करके बड़े बदलाव की चर्चाओं पर विराम लगा दिया है, किन्तु बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व जानता है कि इस बार कामयाबी पहले जैसी आसान नहीं है.
यह बात अलग है कि बीजेपी नेतृत्व अच्छी तरह से जानता है कि मोदी सरकार के कृषि कानून, कोरोना प्रबंधन की असफलता, महंगाई, बेरोजगारी आदि के कारण यूपी में योगी सरकार को सियासी झटका लग सकता है, लेकिन इससे क्या? मोदी सरकार तो 2024 तक सुरक्षित है!
देखना दिलचस्प होगा कि दाएं पैर में मोच आने पर बाएं पैर में मालिश जैसे सियासी प्रयोग से यूपी में बीजेपी को कितना फायदा होता है?
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अभिमनोजः योगी को विपक्ष से नहीं, मोदी सरकार के गलत फैसलों से सियासी खतरा है!
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