पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर को सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा भेजे गए कोवीशील्ड के दस हजार डोज के गायब होने की गुत्थी अभी भी नहीं सुलझ पाई है, खासबात तो यह है कि जिस मैक्स हैल्थ केयर के नाम से वैक्सीन भेजी गई है, वह अस्पताल जबलपुर में है ही नहीं, आखिर वैक्सीन कहा गई, किसे भेजी गई, इस बात का खुलासा भी उस वक्त हुआ है जब जिला टीकाकरण अधिकारी को मैसेज के जरिए डोज को अस्पताल में रखवाने का इंतजाम करने के लिए कहा गया. कही वैक्सीन के दस हजार डोज पहेली न बन जाए.
बताया जाता है कि पुणे सीरम इंस्टीट्यूट से एमपी के जबलपुर स्थित मैक्स हैल्थ केयर अस्पताल के नाम से 60 लाख रुपए क ीमत के कोवीशील्ड के दस हजार डोज भेजे गए, इसके बाद 21 मई को टीकाकरण अधिकारी को मैसेज आया कि अस्पताल में डोज रखवाने के पर्याप्त इंतजाम करा लिए जाए, वैक्सीन के दस हजार डोज आने का मैसेज देखते ही हड़कम्प मच गया, क्योंकि जबलपुर में इस नाम का कोई अस्पताल है ही नहीं.
अब सवाल यह उठता है कि आखिर इतनी अधिक मात्रा में आए डोज कहां गायब हो गए, क्योंकि मैक्स हैल्थ केयर नाम से कोई अस्पताल जबलपुर में तो नहीं है लेकिन हरियाणा के सोनीपत, गुरुग्राम व मानेसर में है, वहां के लिए तीन लाख डोज आवंटित हुए है. हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस बात की जानकारी तो मंत्रालय को भेज दी है कि मैक्स हैल्थ केयर अस्पताल जबलपुर में नहीं है वहीं सीरम इंस्टीट्यूट से इस अस्पताल के बारे में और जानकारी मांगी गई है.
स्वास्थ्य विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ संजय मिश्रा के मुताबिक अभी तक सीरम इंस्टीट्यूट की ओर से कोई अधिकृत जानकारी नहीं मिली है. मामले को लेकर यह भी आशंका जताई जा रही है कि कही भूल से इस अस्पताल का नाम जबलपुर में लिख गया है. अब सवाल यह उठ रहा है कि इतनी अधिक मात्रा में वैक्सीन बुलवाने वाले ने अस्पताल का फर्जी पता क्यों लिखवाया है, या फिर टाइपिंग की मिस्टेक है, इसके पीछे क्या मकसद है, खैर जो भी ऐसा न हो यह मामला सिर्फ एक पहेली न बनकर रह जाए, क्योंकि कोवीशील्ड वैक्सीन का दूसरा डोज लगवाने वाले लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अब जबलपुर में नर्सो ने भी अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोला, सीनियर ने किया किनारा
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