जन्म कुंडली से जानें किस दिशा में मिलेगी अच्छी सफलता बनेंगे काम

जन्म कुंडली से जानें किस दिशा में मिलेगी अच्छी सफलता बनेंगे काम

प्रेषित समय :20:52:17 PM / Wed, Jun 9th, 2021

सही रास्ता आगे बढ़ने की पता चल जाये तब सफलता के रास्ते खुलते ही जाते है/जाएंगे दसों दिशाओं में किस दिशा में या किन दिशाओं में सफलता मिलेगी, काम बनेंगे आदि आज इसी विषय पर बात करते है.

जातक/जातिका की कुंडली मे ग्रहो की स्थिति ही सफलताओ वाली दिशाओं में आगे बढ़कर सफलता के लिए आगे बढ़े तो रुके हुए काम भी बनने लगते है जैसे कुछ राजयोग, धन योग कुंडली मे बने होते है

भाग्योदय ,हर एक सफलता एक निश्चित दिशा में लिखी होती है, किस दिशा में नोकरी मिलेगी, किस दिशा से जीवनसाथी  मिलेगा यह आपके ग्रह ही निर्धारित कर चुके है यदि उसी दिशा में आगे बढ़ा जाए तब सफलता निश्चित अच्छी मिलने लगेगी.

आज इसी विषय पर समझते है कई अलग अलग जगह पर नोकरी करने, व्यापार करने पर भी अधिक सफलता नही मिली तो कहाँ मिलेगी, किस दिशा में अधिक काम बनेंगे चाहे विवाह होना हो, धन अधिक कामना हो तो कौनसी दिशा जीवन के लिए कार्य सिद्ध करेगी आदि.

कुंडली के 12 भावो में हर एक भाव किसी न किसी दिशा का प्रतिनिधित्व करता है तो हर एक ग्रह भी किसी न किसी दिशा का स्वामी है तो उसी दिशा में अधिक लाभ मिलेगा जिस दिशा में अधिक लाभ लिखा है 

जैसे विवाह के लिए सही रिश्ता नही मिल रहा लेकिन यह पता चल जाये कि विवाह किस दिशा से होगा तब उसी दिशा में शादी के रिश्ते देखे तब आसानी से मिल जाएगा| 

गुरु सूर्य शुक्र क्रम से ईशान पूर्व अग्नये दिशा के तो मंगल दक्षिण, राहूंकेतु नैऋतय, शनि पश्चिम तो बुध उत्तर का स्वामी है और कुंडली का हर एक भाव किसी न किसी का स्वामी है.अब कुछ उदाहरणों से समझते कि कौनसी दिशा में भाग्योदय के लिए आगे बड़े*

 कौनसी दिशा में अच्छी नोकरी/व्यापार/कारोबार में अधिक लाभ , काम बनने लिखा है, किस दिशा में जाकर कुंडली के राजयोग आदि शुभ फल अधिक देगें या फलित होंगे?

कर्क लग्न में दसवें और पांचवे भाव के स्वामी मंगल होने से यह योगकारक है अब मंगल यहाँ 12 वे भाव मे जाकर बैठ जाये तो यह दिशा आग्नेय दिशा(पूर्व-दक्षिण) है तो नौकरी/कारोबार आदि में इस दिशा में ही सफलता अधिक मिलेगी, जैसे अच्छी नौकरी, अधिक उन्नति आदि._*

 विवाह के लिए प्रयास करने पर रिश्ता सही न मिल रहा हो तो, जैसे कि यहाँ कन्या लग्न में गुरु सातवे भाव स्वामी होने से यह विवाह का स्वामी बनता है अब गुरु यहॉ माना 5वें भाव मे बैठा हो मकर राशि 

मे तब यहाँ  *5 वा भाव वायव्य दिशा(पश्चिम-उत्तर) दिशा का प्रतिनिधित्व करता है* तो इसी दिशा में शादी के लिए प्रयास करने पर तुरंत काम बनेगा यदि समय चल रहा है शादी के लिए तब. 

Astro nirmal

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

पूजा-प्रयोग-ज्योतिष की उपयोगिता क्या है? जून माह 2021 का मासिक राशिफल...

जानें ज्योतिष आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया से जून 2021 का मासिक राशिफल

जानें ज्योतिष आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया से 5 जून, 2021 तक का साप्ताहिक राशिफल

Leave a Reply