- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी
अगर भाग्य को बदला नहीं जा सकता है तो पूजा-प्रयोग-ज्योतिष शास्त्र की क्या उपयोगिता है? यह वैसा ही सवाल है कि यदि नजारा बदला नहीं जा सकता है तो नजरों की क्या उपयोगिता है?
माना कि हम नजारा नहीं बदल सकते, लेकिन नजरिया तो बदल सकते हैं. हम धूप को नहीं बदल सकते हैं मगर धूप का चश्मा लगा कर धूप की परेशानी तो कम कर सकते हैं, अगर हमें साफ नजर नहीं आ रहा है तो नंबर का चश्मा लगा कर साफ देख तो सकते हैं.
ठीक वैसे ही, पूजा-प्रयोग-ज्योतिष के सहयोग से हम ऋणमुक्त नहीं हो सकते लेकिन ऋण से राहत तो मिल सकती है. उदाहरण के लिए बैंक वाले आ कर खड़े हो जाएं कि अभी-के-अभी ऋण के एक लाख रुपए चुकाओं तो हालत खराब हो जाएगी, लेकिन वही बैंक वाले इस बात के लिए राजी हो जाएं कि पांच-पांच हजार की किश्त देकर लोन चुकता करो, तो तुरंत ऋण से राहत मिल जाएगी. ऋण वही एक लाख है, ऋण से मुक्ति नहीं मिली है, ऋण से राहत मिली है, पूजा-प्रयोग-ज्योतिष शास्त्र की यही उपयोगिता है.
ज्योतिष शास्त्र हमें जीवन यात्रा का नक्शा उपलब्ध करवाता है. इसका यह फायदा है कि कहां तेजी से आगे बढ़ना है? कहां धीमी गति से चलना है? और कहां विकट मोड़ पर सतर्कता रखनी है? इसकी जानकारी मिल सकती है, तो पूजा-अर्चना से अज्ञात खतरों से रक्षा होती है.
जिस तरह शरीर विज्ञान का जानकार डॉक्टर हर व्यक्ति को पहलवान नहीं बना सकता है, वैसे ही, ज्योतिष शास्त्र का जानकार ज्योतिषी हर व्यक्ति को धनवान नहीं बना सकता है. यदि किसी व्यक्ति में पहलवान बनने के गुण मौजूद हैं, तो डॉक्टर के सहयोग से वह अच्छा पहलवान बन सकता है, वैसे ही, जिसकी जन्म कुंडली में धनवान बनने के योग हैं, उसे ज्योतिषी अच्छी राह दिखा सकता है.
पूजा-प्रयोग-ज्योतिष शास्त्र से चमत्कार की उम्मीद नहीं रखेंगे, तो इसका वास्तविक फायदा नजर आएगा!
जून माह 2021 का मासिक राशिफल....
ग्रहों की गति के अनुसार व्यक्ति के जीवन में शुभाशुभ बदलाव आते हैं. सार्वजनिक शुभाशुभ प्रभाव ग्रह के राशि विशेष में गोचर के सापेक्ष होता है, लेकिन इनका व्यक्तिगत शुभाशुभ प्रभाव ग्रह विशेष के कारकत्व के सापेक्ष होता है. गोचरवश सूर्यदेव जून, 2021 माह की शुरुआत में वृषभ राशि में रहेंगे, तो 15 जून 2021 को मिथुन राशि में गोचर करेंगे.
इस माह के दौरान गोचरवश अधिकतर समय- शनि मकर राशि में, राहु वृषभ राशि में, केतु वृश्चिक राशि में, गुरु कुंभ राशि में, मंगल 2 जून से कर्क राशि में, बुध 3 जून से वृषभ राशि में, तो शुक्र मिथुन के बाद 22 जून से कर्क राशि में रहेंगे.
जून 2021 का मासिक राशिफल-
मेष (चू,चे,चो,ला,ली,लू,ले,लो,आ): गोचरवश सूर्यदेव 15 जून से, तो पूरे माह में गुरु, शुक्र और बुध शुभफल प्रदान करेंगे, जिसके नतीजे में पद-प्रतिष्ठा प्राप्त होने के साथ-साथ घर-परिवार का सहयोग प्राप्त होगा, भौतिक सुख-सुविधाओं की बढ़ोतरी होगी, तो कला-व्यवसाय के क्षेत्र में सफलता मिलेगी. शुभत्व वृद्धि के लिए सूर्योपासना करें, बुजुर्गों की सेवा करें और आशीर्वाद प्राप्त करें.
वृषभ (ई,ऊ,ए,ओ,वा,वी,वू,वे,वो): गोचरवश केतु, शुक्र और मंगल लाभ प्रदान कर रहे हैं, इसलिए भौतिक सुख-सुविधाओं के विस्तार के साथ-साथ कामयाबी का परचम लहराएगा. रक्त संबंधियों के सहयोग से पद-प्रतिष्ठा प्राप्त होगी. श्रीगणेश पूजा और गौसेवा से लाभ के अवसर प्राप्त होंगे.
मिथुन (का,की,कू,घ,ङ,छ,के,को,ह): गोचरवश गुरु और शुक्र लाभदायक बने हैं, भौतिक और आध्यात्मिक सुख की प्राप्ति होगी. धर्म-कर्म के कार्यों से सम्मान मिलेगा. भाग्य साथ देगा, शिक्षा के क्षेत्र में उपलब्धियों के योग. जीवनसाथी के सहयोग से अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे. श्रीलक्ष्मीनारायण की पूजा-अर्चना शुभत्ववृद्धि में सहायक रहेगी.
कर्क (ही,हू,हे,हो,डा,डी,डू,डे,डो): गोचरवश सूर्यदेव 15 जून से पहल लाभप्रद बने हैं, तो राहु, केतु, शुक्र और बुध पूरे माह सहयोग प्रदान करेंगे. साझेदारी में लाभ, गुप्त आय, भौतिक सुख-सुविधाओं में बढ़ोतरी, कार्य-व्यवसाय में तरक्की, बेहतर परिणामों के लिए देवी सरस्वती की आराधना करें, गौसेवा करें.
सिंह (मा,मी,मू,मे,मो,टा,टी,टू,टे): गोचरवश सूर्य, शनि, केतु, गुरु, शुक्र और बुध लाभप्रद हैं. राजनीति में सफलता के योग, जीवनसाथी के सहयोग से कामयाबी का परचम लहराएगा, कार्य-व्यवसाय में प्रगति होगी, कला के क्षेत्र में उपलब्धियां प्राप्त होंगी. श्रीगणेश की पूजा करें, गौसेवा करें, शुभ-लाभ की नई संभावना बनेगी.
कन्या (ढो,पा,पी,पू,ष,ण,ठ,पे,पो): गोचरवश 15 जून से सूर्यदेव लाभप्रद रहेंगे, कार्यक्षेत्र में पद-प्रतिष्ठा प्राप्त होगी, इसी तरह केतु और मंगल के सहयोग से पुत्र की उपलब्धि प्रसन्नता देगी, अचानक धनप्राप्ति के योग. सूर्योपासना करें, महावीर हनुमान की आराधना से शुभ परिणामों में वृद्धि होगी.
तुला (रा,री,रू,रे,रो,ता,ती,तू,ते): गोचरवश केतु, गुरु, शुक्र और बुध शुभफल प्रदान करेंगे, घर-परिवार में सुख-समृद्धि के योग, खासकर जीवनसाथी के सहयोग से कई कार्य सम्पन्न होंगे. गुरुस्वरूप श्रीगणेश की पूजा-अर्चना करें, गौसेवा करें, चमत्कारी शुभ परिणाम प्राप्त होंगे.
वृश्चिक (तो,ना,नी,नू,ने,नो,या,यी,यू): शनि, केतु और शुक्र, गोचरवश शुभफल प्रदान कर रहे हैं, इसलिए राजनीतिक क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी, तो भौतिक सुख-सुविधाओं का विस्तार होगा. गृहनिर्माण ओर साजसज्जा के कार्य करवाने के लिए शुभ समय. महावीर हनुमान की पूजा-अर्चना और गौसेवा से अनेक कार्य सिद्ध होंगे.
धनु (ये,यो,भा,भी,भू,धा,फा,ढा,भे): गोचरवश सूर्यदेव 15 जून से पहले लाभ-पद-प्रतिष्ठा प्रदान करेंगे, तो राहु और बुध का शुभ प्रभाव गुप्त लाभ प्रदान करेगा, साझेदारी के कार्यों में सफलता मिलेगी, बहन-बेटी के सहयोग से रोग-मुक्ति मिलेगी. श्रीगणेश और देवी सरस्वती की पूजा-अर्चना शुभफल प्रदान करेगी.
मकर (भो,जा,जी,खी,खू,खे,खो,गा,गी): गोचरवश 15 जून से सूर्यदेव पद-प्रतिष्ठा प्रदान करेंगे, तो केतु और गुरु के सहयोग से शिक्षा और धर्म-कर्म के क्षेत्र में सुखद परिणाम प्राप्त होंगे. पुत्र की कामयाबी प्रसन्नता प्रदान करेगी. बेहतर परिणामों के लिए सूर्योपासना करें और बुजुर्गों का आशीर्वाद प्राप्त करें.
कुंभ (गू,गे,गो,सा,सी,सू,से,सो,दा): गोचरवश शुक्र, बुध और मंगल सुखद परिणाम देंगे. पत्नी, बेटी और रक्त संबंधियों के सहयोग से शुभकार्य संपन्न होंगे, तो भौतिक सुविधाओं का विस्तार भी होगा. श्रीगणेश और श्रीलक्ष्मी की पूजा-अर्चना से शुभ-लाभ प्रदान करने वाले अनेक कार्य सफल होंगे.
मीन (दी,दू,थ,झ,ञ,दे,दो,चा,ची): गोचरवश 15 जून से पहले सूर्यदेव लाभ प्रदान करेंगे, तो शनि, राहु, केतु और शुक्र पूरे माह सहयोगी बने रहेंगे. अच्छे समय का सदुपयोग करें. राजनीति में सफलता के साथ-साथ उच्च पद प्राप्ति के भी योग हैं, पुत्र और पत्नी के सहयोग से अनेक कार्य संपन्न होंगे. साझेदारी से लाभ प्राप्त होगा. गौसेवा और सूर्योपासना से चमत्कारी परिणाम मिलेंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-नरसिंह भगवान की पूजा करने से सभी तरह के संकट दूर हो जाते
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