प्रतापगढ़. उत्तर प्रदेश में कोरोना को भगाने लिए अंधविश्वास के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं. कोई बड़े स्तर पर हवन, यज्ञ करवा रहा है तो कोई गंगा जी की पूजा करवा रहा है. कहीं खेतों में खीर बनाकर भगवान को चढ़ाई जा रही है. मगर प्रतापगढ़ में कोरोना पर अंधभक्ति की इंतहा दिखाई दी है. यहां एक गांव में बाकायदे कोरोना माता का मंदिर बनवा दिया गया है.
मंदिर में मास्क लगी हुई देवी की एक मूर्ति स्थापित की गई है. इस मूर्ति की सुबह-शाम सैकड़ों लोग पूजा कर रहे हैं. ग्रामीणों का दावा है कि ऐसा करने से हमारे गांव में संक्रमण नहीं आएगा. जैसे हम लोग चेचक को माता मानते हैं, वैसे ही कोरोना को माता मानकर पूजेंगे तो वायरस से छुटकारा मिल जाएगा. ग्रामीण कहते हैं कि मास्क लगी हुई यह मूर्ति लोगों को भी मास्क लगाने का संदेश दे रही है.
करोना माता मंदिर में हाथ धोकर चल जल चढ़ाओ
यह दृश्य प्रातपगढ़ जिले के सांगीपुर थाना क्षेत्र के गांव जूही शुक्लपुर का है. यहां कई गांवों के लोग आकर कोरोना माता मंदिर में माथा टेक रहे हैं. मूर्ति पर जल चढ़ाते हैं, फल-मिठाई आदि का भोग लगाया जाता है. इसके साथ ही कोरोना माता के जयकारे भी लगाए जाते हैं. ग्रामीणों का दावा है कि यह विश्व का पहला कोरोना माता मंदिर है. गांव निवासी और पुजारी राधे वर्मा कहते हैं कि जैसे चेचक रोग को माँ शीतला देवी का प्रकोप माना जाता है, इसी प्रकार से कोरोना भी एक दैवीय आपदा है, माता के पूजा पाठ से कोरोना का संक्रमण गांव में नहीं होग. हम लोग स्वस्थ रहेंगे. यही कारण है कि हम लोग नियमित इस मंदिर में पूजा कर रहे हैं. ग्राम प्रधान शिव शंकर जयसवाल का कहना है कि यह मंदिर जुही पुरवा के लोगों ने मिलकर बनवाया है. अभी तक हमारे गांव में कोरोना से कोई मौत नहीं हुई है और न ही कोई पॉजिटिव का केस आया है.
पूरा देश परेशान था इसलिए हमने मंदिर बनवाया
गांव वनिवासी और कोरोना माता मंदिर में पूजा करने आई संगीता कहती हैं कि हमारे परिवार के लोग दिल्ली में रहते हैं. वहां कोरोना से बहुत तबाही हो रही थी, जब वहां से लोग गांव में आए तो विचार किया गया कि इससे निजात पाने के लिए क्या किया जाए. हम सब ने मिलकर मंदिर बनवाने की सोची, इसके बाद सभी के सहयोग से इस मंदिर का निर्माण किया गया. अब हम सब मिलकर पूजा करते हैं, इससे बहुत शांति है और हमें विश्वास है कि हमारे गांव में कोरोना नहीं आएगा.
मास्क लगी प्रतिमा लोगों को जागरूक भी कर रही
पुजारी राधे वर्मा कहते हैं कि यह सिर्फ धार्मिक भावना का मामला ही नहीं है. कोरोना माता की प्रतिमा मास्क पहले हुए है. इससे यह लोगों को हमेशा मास्क पहने रहने का संदेश भी देती है. इसके साथ ही हाथ धोते रहने और दूरी बनाने का भी यहां संदेश दिया जा रहा है. कोरोना माता की पूजा करने और कोरोना के नियमों को मानने से हमारे गांव में संक्रमण नहीं आएगा. हमें इसका पूरा विश्वास है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-उत्तर प्रदेश में 12 जुलाई से पहले कराए जा सकते हैं ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव
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