झांसी. यूपी के झांसी से प्रशासन की लापरवाही का अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां पंचायत उपचुनाव के लिए एक ऐसे शिक्षक की ड्यूटी लगा दी गई, जिसकी कुछ दिन पहले ही कोरोना से मौत हो चुकी थी. मृतक शिक्षक के नाम की चुनावी ड्यूटी की स्लिप भी जारी कर दी गई और उसे प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा लेने का निर्देश भी दे दिया गया. प्रशासन की इस हरकत से मृतक के परिजनों में गुस्सा है.
दरअसल, झांसी में पंचायत उपचुनाव में उस शिक्षक की भी ड्यूटी लगा दी गई, जिसकी कुछ दिनों पहले चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना से मौत हो गई थी. असंवेदनशील प्रशासन ने मृतक शिक्षक के नाम की चुनावी ड्यूटी की स्लिप जारी कर उसे प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा लेने का निर्देश दे दिया. इसी तरह चुनावी ड्यूटी के दौरान कोरोना पॉजिटिव दूसरे कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई.
बता दें कि ग्राम प्रधान सहित ग्राम पंचायत सदस्यों के लिए इन दिनों उपचुनाव कराए जा रहे हैं. शनिवार को इनके लिए वोट डाले गए. इसको देखते हुए शिक्षकों की चुनावी ड्यूटी लगाई जानी थी. लेकिन झांसी में पिछले महीने कोरोना से मृत बेसिक शिक्षा विभाग के सहायक अध्यापक सौरव कुमार तलैया को चुनाव में ड्यूटी संबंधी फरमान जारी कर दिया गया.
इस आदेश ने मृतक शिक्षक के परिजनों के जख्म फिर से हरे कर दिए. जिला अधिकारी की ओर से जारी इस ड्यूटी पत्र में मृतक सौरव को झांसी जिले के विकासखंड मौठ की पोलिंग पार्टी संख्या 81 में मतदान अधिकारी प्रथम के तौर पर नामित किया गया. उनको 10 जून को प्रशिक्षण के लिए दोपहर 12:00 बजे बुलाया भी गया था और प्रशिक्षण में ना आने पर निर्वाचन ड्यूटी से अनुपस्थित मानते हुए विभागीय कार्रवाई का अल्टीमेटम दिया गया. वहीं इसकी जानकारी मिलने पर उनके परिजनों ने रोष जताया है. उनका कहना है कि बहुत संभव है कि हमारे परिवार के सदस्य की तरह बाकी कोरोना से मरे हुए व्यक्तियों की ड्यूटी भी लगा दी गई हो.
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